माता पिता से मिले संस्कारों को जीवन में उतारे-आचार्य अनंतदास

माता पिता से मिले संस्कारों को जीवन में उतारे-आचार्य अनंतदास

इटारसी। शहर के श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर (Shri Dwarkadhish Bada Mandir) में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें वृंदावन से पधारे आचार्य अनंत दास महाराज (Acharya Anant Das Maharaj) द्वारा कथा का वाचन किया जा रहा है।

आज दूसरे दिन की कथा में महाराज जी ने बताया अगर किसी व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त करना है तो वे भागवत कथा का जरूर श्रवण करें। श्रवण करने से ही जीवन भक्तिमय बनता है। राजा परीक्षित ने भी सात दिन कथा सुनकर ही मोक्ष को प्राप्त किया और यह भी सत्य है कि सत्संग किसी भी मनुष्य का जीवन बदल देता है। समाज में धर्म रक्षा के लिए भक्ति जरूरी है। अपने सनातन धर्म को बनाने के लिए भक्ति का सहारा और लोगों में भक्ति का सामंजस्य बना रहे, आपसी भाईचारा बना रहे, लोग एक दूसरे से द्वेष नहीं करें।

आचार्य श्री द्वारा यह भी बताया गया की माता पिता से मिले संस्कार को अपने जीवन में उतारे जो व्यक्ति अपने माता पिता के कहे पदचिन्हों पर चलता है और भागवत कथा में बताए उपदेशों का पालन करता है वह जीवन में सफल होता है।

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