एनएसयूआई के विरोध के बाद एमजीएम कालेज प्रबंधन को बदलना पड़ा अपना निर्णय

एनएसयूआई के विरोध के बाद एमजीएम कालेज प्रबंधन को बदलना पड़ा अपना निर्णय

इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी महाविद्यालय प्रबंधन ने रविवार को बीएससी तृतीय वर्ष के छात्रों के एक साथ प्रेक्टिकल रख लिए। विद्यार्थियों के व्हाट्सएप ग्रुप पर इसकी जानकारी डाली गई। एक ही दिन में प्रेक्टिकल होने की शिकायत जब एनएसयूआई नेताओं को मिली, तो नेता विरोध करने पहुंच गए, बाद में प्रबंधन ने गलती मानते हुए कहा कि जो परीक्षार्थी आज नहीं आ सके हैं, उनके लिए आगे व्यवस्था की जाएगी।

जानकारी के अनुसार रविवार को कम्प्यूटर विषय का प्रेक्टिकल कालेज प्रबंधन द्वारा पूर्व निर्धारित किया गया था, लेकिन शनिवार को छात्रों को यह सूचना दी गई कि रविवार को बीएससी तृतीय वर्ष भौतिकी शास्त्र का प्रेक्टिकल भी एक साथ रखा गया है, तैयारियां पूरी न होने से विद्यार्थियों ने इसका विरोध किया। भौतिकी विभाग के अतिथि विद्वान सौरभ नेमा ने ग्रुप में लिखा कि हमने निर्णय ले लिया है, जो बदला नहीं जाएगा। छात्रों ने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी दी गई। सूचना पर एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने जब कालेज जाकर एक साथ दो प्रेक्टिकल कराने का विरोध दर्ज कराया तो कालेज प्रबंधन अपने निर्णय को बदलने पर राजी हो गया, विरोध के बाद एक प्रेक्टिकल निरस्त करना पड़ा।

इस अवसर पर एनएसयूआई प्रदेश सचिव प्रतिक मालवीय, जिला अध्यक्ष मयंक चौरे, एनएसयूआई नेता गोल्डी बैस, सौम्य दुबे, युवराज चौधरी, दिव्यजोत सिंह, बैज़ू कलोसिया, ईशान यादव अनिकेत यादव, अमर सिंह, चिन्मय नामदेव, राजा कनोजिया, गौरव पाण्डे, सिद्धार्थ उपस्थित थे। बैस ने बताया कि प्रबंधन द्वारा भीषण गर्मी में एक ही दिन में दो प्रेक्टिकल कराने की जानकारी हमें मिली थी, जिसके बाद प्राचार्य एवं अन्य व्याख्याताओं को इनकी परेशानी बताई गई, बिना तैयारी एक ही दिन में दो प्रेक्टिकल कराना गलत है, बाद में प्रबंधन ने अपना निर्णय बदल लिया है।

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AUTHORRohit

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