UPDATE : ट्रकों के साथ ही बस और आटो चालकों ने भी खड़े किये वाहन

Post by: Rohit Nage

  • – हड़ताल से यात्रियों को हो रही परेशानी, आटो नहीं चलने से ग्राहक भी परेशान

इटारसी। केन्द्र के नये कानून का विरोध, सैंकड़ों ट्रकों, बसों और आटोरिक्शा (Autorickshaw) के भी पहिए थम गये हैं। हालांकि कुछ आटो चालक(Auto Driver), लोडिंग वाहन के चालक हड़ताल में शामिल नहीं हैं, लेकिन ज्यादातर हड़ताल में शामिल होने से बसों में सफर करने वाले यात्री, आटो से बाजार और आसपास के गांवों के सफर करने वाले यात्री खासे परेशान रहे हैं। बस स्टैंड (Bus Stand) पर बड़ी संख्या में बसें खड़ी रहीं तो रेलवे स्टेशन (Railway Station) के सामने आटो चालकों ने भी हड़ताल को समर्थन दिया। केन्द्र सरकार के नये मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ आज सुबह से ही इटारसी (Itarsi) शहर सहित जिले के हजारों वाहनों के पहिए थम रहे। टैक्सी ड्रायवर दिलीप कुमार देशमुख (Dilip Kumar Deshmukh) का कहना है कि यह कानून वापस लिया जाना चाहिए, यह काला कानून है, इसके लागू होने से हमें ड्रायवरी छोड़कर मजदूरी करना ज्यादा अच्छा रहेगा।

मालगोदाम में ट्रकों को खड़ा करके ट्रक ड्रायवरों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। मोटर मालिक भी इनके समर्थन में हैं। आज सिर्फ एक दिन की हड़ताल से ही करीब एक करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। बस स्टैंड पर भी बसें खड़ी करके ड्रायवर हड़ताल में शामिल हो गये। ड्र्रायवरों के आह्वान पर आटो चालक भी इसमें शामिल हो गये। हालांकि कुछ आटो चालक और लोडिंग आटो, छोटे ट्रक हड़ताल में शामिल नहीं होने से आंशिक राहत रही है, लेकिन आसपास के ग्रामीण परेशान रहे।

परेशान रहे ग्रामीण अंचलों के लोग

ड्रायवरों की हड़ताल से गुर्रा, दमदम, सोनतलाई, बिछुआ, पाहनवर्री, रामपुर, आर्डिनेंस फैक्ट्री, नयायार्ड, तरोंदा, बाबईखुर्द, पीपलढाना, जमानी, तीखड़, धुरपन, भीलाखेड़ा, बीसारोड़ा, पांजराकलॉ सहित आसपास के दर्जनों गांव के लोग परेशान रहे। यहां चलने वाले अधिकांश आटो चालक हड़ताल के समर्थन में रहे। बस स्टैंड पर बस से इटारसी, केसला, सुखतवा, नर्मदापुरम, पवारखेड़ा आदि के लिए अपडाउन करने वाले नौकरीपेशा लोगों ने या तो बाइक का सहारा लिया या फिर जहां ट्रेन रूट है, वहां ट्रेन से गये।

ट्रक चालकों ने की हड़ताल

मालगोदाम में अनेक ड्रायवरों ने अपने ट्रक खड़े कर दिये थे। होशंगाबाद के ट्रक चालक बाबा बवाल का कहना है कि केन्द्र सरकार से हम कहना चाहते हैं कि हड़ताल किसी के लिए भी अच्छी नहीं होती। हमें भी अपने घर का चूल्हा जलते देखना है, सरकार को भी इससे नुकसान है और गाड़ी मालिका को भी। हमें नया कानून नहीं चाहिए, पुराना ही ठीक है। इटारसी के ट्रक ड्रायवर नंद कुमार चौरे (Nand Kumar Chaure) का कहना है कि कानून का प्रावधान जीते जी मारने वाला है। दस साल की सजा और 7 लाख रुपए जुर्माना।

सात लाख होते तो मजदूरी क्यों करते

ट्रक चालकों का कहना है कि यदि सात लाख रुपए ही हमारे पास होते तो हम ड्रायवरी क्यों करते? ट्रक ड्रायवरी भी मजदूरी में ही आती है, एक मजदूर के पास इतना पैसा होता तो वह अपना ही कोई धंधा नहीं कर लेता? ट्रक चालकों का कहना है कि सरकार की तरफ से हमें कोई सुविधा तो मिलती नहीं, न पार्किंग का बंदोवस्त, ना ही अन्य कोई सुविधा। कोरोना काल में हमने बहुत मेहनत की और सरकार का साथ दिया, बदले में सरकार हमें यह कानून दे रही है।

ट्रक मालिक भी रहे समर्थन में

ट्रक ऑनर अजय टप्पू मिश्रा (Ajay Tappu Mishra) ने कहा कि ट्रक ऑनर भी ट्रक ड्रायवरों की हड़ताल को समर्थन दे रहे हैं। इटारसी में साढ़े तीन सौ से अधिक बड़ी गाडिय़ां हैं, 50 से अधिक ट्रांसपोर्टर और सैंकड़ों गाड़ी मालिक हैं। हड़ताल से एक दिन में केवल इटारसी में ही एक करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। एक ड्रायवर को अधिकतम दस हजार रुपए मिलते हैं, वह किसी तरह से घर का खर्च चलाता है, सात लाख रुपए का जुर्माना तो उसकी जिंदगी ही खत्म कर देगा।

गलती देखी जानी चाहिए

श्री मिश्रा का कहना है कि एक्सीडेंट के वक्त सबसे पहले गलती देखी जानी चाहिए। अभी तो शराब के नशे में कोई बाइक चालक ट्रक के नीचे आ जाता है तो ट्रक मालिक ही दोषी माना जाता है। यह कानून तो ठीक नहीं है। नये कानून में तो पुलिस भी जेल का डर दिखाकर पैसे मांगेगी, इससे तो भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिलेगा और ट्रक ड्रायवर निर्दोष भी होगा तो उसे जेल जाना पड़ेगा, इससे उसका परिवार प्रभावित होगा। सरकार को इस पर गौर करके नये कानून की समक्षा करके बदलाव किया जाना चाहिए।

ओवरब्रिज पर किया निवेदन

ट्रक चालकों के एक समूह ने ओवरब्रिज पर नये कानून के विरोध में और ट्रक चालकों की एकता के समर्थन में नारेबाजी की और यहां से गुजर रहे वाहन चालकों को रोककर उनको नये कानून की जानकारी देकर समर्थन मांगा। उनको बताया कि नये कानून में ड्रायवरों के खिलाफ कड़े प्रावधान हैं, देश व्यापी हड़ताल में वे भी साथ आएं। कई ट्रक चालकों को ओवरब्रिज पर ही रोक लिया। इस दौरान छोड़ी गाडिय़ों, आटो चालकों से भी उन्होंने समर्थन मांगा है।

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