अभिषेक तिवारी इटारसी :
संत श्री गाडगे बाबा महाराज का जन्म आज ही के दिन वर्ष 1876 में महाराष्ट्र में अमरावती जिले में हुआ था। आपने आजीवन शिक्षा, स्वच्छता, मानव सेवा को महत्व देते हुये मद्यपान, दहेजप्रथा और सामाजिक कुरीतियों का विरोध किया।
संत श्री गाडगे बाबा महाराज जहाँ भी जाते वहाँ झाड़ू और टोकरी लेकर स्वच्छता का काम अपने हाथ में ले लेते थे। उन्होंने अनाथ बच्चों के लिए अनाथालय, निरक्षरों के लिए विद्यालय और अकाल-पीड़ितों तथा निर्बल-दिव्यांगों के लिए भोजन शालायेँ प्रारम्भ करवाई।
संत श्री गाडगे बाबा महाराज के जीवन का लक्ष्य समाजसेवा था। वे हमेशा दीन-दुखियों तथा उपेक्षितों की सेवा को ही ईश्वर भक्ति मानते थे। उन्होंने तीर्थयात्रियों के लिए धर्मशालाओं की व्यवस्था हेतु लोगों को प्रोत्साहित किया। गौहत्या रोकने के लिये आपके प्रयास अनुकरणीय हैं।
भारत में सबसे पहले संत श्री गाडगे बाबा महाराज ने ही साफ-सफाई को लेकर लोगों को जागरुक करते हुये इसके महत्व को रेखांकित किया। महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2001 में ‘संत गाडगेबाबा ग्राम स्वच्छता अभियान’ की शुरुआत जिसके अंतर्गत जो ग्रामवासी अपने गांवों को स्वच्छ रखते है उन्हें यह पुरस्कार दिया जाता है। अमरावती विश्वविद्यालय का नाम संत श्री गाडगेबाबा महाराज के नाम पर रखा गया है। हमारे नगर इटारसी में रजक समाज द्वारा संत जी की प्रतिमा स्थापना का पुनीत कार्य किया गया है।
भारत में स्वच्छता, सामाजिक समरसता एवं राष्ट्रीय एकता के अविरत स्रोत के प्रेरक संत श्री गाडगे बाबा महाराज जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन।

अभिषेक तिवारी इटारसी
9860058101