
पक्षियों का सैंपल लेकर बाइक पर निकल पड़े सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी
पिता और पुत्र ने 350 किमी का रास्ता किया तय
भोपाल। प्रदेश में बर्ड फ्लू (Bird flu) के तेजी बडने और पक्षी के आए दिन मरने से हर जगह देहशत का माहौल है। साथ ही यह चिंता का कारण भी बना हुआ है। ऐसे में एक सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी (Assistant veterinary field officer) ने एक मिशाल कायम की। उन्होंने मृत पक्षियों का सैंपल लेकर बिना किसी सुविधा का इंतजार किए बाईक पर ही 350 किमी का सफर तय की। सीएम शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) और पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल (Animal Husbandry Minister Prem Singh Patel) ने निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर से मृत पक्षियों के सेम्पल पुत्र के साथ मोटरसाइकल पर भोपाल स्थित राज्य पशुरोग अन्वेषण प्रयोगशाला पहुँचाने वाले सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी आरपी तिवारी की प्रशंसा भी की। मंत्री पटेल ने कहा कि बिना किसी सुविधा का इंतजार किये जिस तरह तिवारी ने बर्ड फ्लू महामारी के नियंत्रण के लिये अविलम्ब भोपाल लैब को सेम्पल पहुँचाये हैं। यह प्रदेश ही नहीं देश के लिए भी अनुकरणीय मिसाल बन गई है।
बस छूटी, ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं मिला
उल्लेखनीय है कि बीते शुक्रवार को निवाड़ी जिले के सोरका गाँव में दो दर्जन से ज्यादा चिड़ियाँ मृत पाईं गई थीं। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुँच कर सेम्पल एकत्र किये। कार्यवाही पूरी होने के बाद सेम्पल जाँच के लिय भोपाल भेजने की जिम्मेदारी पृथ्वीपुर के सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी आरपी तिवारी को दी गई। तिवारी ने बस का टिकिट बुक कराया परंतु जब तक वे बस स्टेण्ड पहुँचे बस निकल चुकी थी। उन्होंने इसके बाद झाँसी से रेल टिकिट रिजर्वेशन का प्रयास किया लेकिन टिकिट नहीं मिला। उन्होंने शनिवार की सुबह बेटे से बाइक चलाकर भोपाल चलने को कहा। कड़ाके की ठंड और बारिश के कारण पिता.पुत्र को कई स्थानों पर रूकना पडा। वहीं दूसरे दिन सुबह भोपाल में सैंपल जमा कर दिया।
अब तक 18 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि
प्रदेश में अब तक 18 जिलों इंदौर, मंदसौर, आगर, नीमच, देवास, उज्जैन, खंडवा, खरगौन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, भोपाल, होशंगाबाद, अशोकनगर, दतिया और बड़वानी में कौवों और जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से 328 सेम्पल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला एनआईएचएसएडी जाँच हेतु भेजे जा चुके हैं।