विद्युत लोको शेड की बड़ी उपलब्धि

Post by: Rohit Nage

– 20 मेल लोकोमोटिव डब्ल्यूएपी-7 (Mail Locomotive WAP-7) में लगाया सीवीवीआरएस (CVVRS)
– रेल दुर्घटना को बचाने में मदद मिलेगी
– लोको पायलटों (Loco Pilots) की बातचीत भी रिकॉर्ड (Record) होगी
इटारसी। पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railway), भोपाल मंडल (Bhopal Division) के विद्युत लोको शेड (Electric Loco Shed), इटारसी (Itarsi) में कुल 23 में से 20 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (Electric Locomotive Locomotives) इंजनों में पायलट (Pilot) के केबिन (Cabin) के अंदर और बाहर नाइट विजन कैमरे (Night Vision Cameras) लगाए गए हैं। केबिन के अंदर लगने वाले कैमरे विजुअल (Visual) के साथ आडियो (Audio) भी रिकॉर्ड करेंगे। कैमरे लगाने का उद्देश्य सिग्नलिंग (Signaling) में गड़बड़ी, ओवरहेड (Overhead) टूटने या अन्य आकस्मिक स्थिति का पहले पता लगाना है।

LOCO 2
इसी तरह लोको पायलट के केबिन में लगने वाले कैमरे परिचालन के दौरान लोको पायलट और सहायक लोको पायलट की स्टेशन कंट्रोल (Station Control) से होने वाली बात की जानकारी देंगे। शेड द्वारा 20 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (Electric Locomotive) में कैमरे लगाए जा चुके है। एक इंजन में कैमरा लगाने का खर्च रुपये 1,51,609/- रुपए है। कैमरे की स्टोरेज क्षमता (Storage) 2 टेराबाइट (Terabyte) होगी। इसमें 45 दिन के फुटेज (Footage) सेव (Save) हो सकेंगे।
सीवीवीआरएस ( CVVRS) के तहत लगाए गए ये एडवांस कैमरों (Advanced Cameras) से मानवीय चूक से होने वाली रेल दुर्घटनाओं की वजह आसानी से पता चल सकेगी। केबिन के अंदर चालक दल ने क्या बातचीत और उनके आपसी समन्यवय की जानकारी मिलेगी।
इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में लगाए गए एडवांस कैमरे को सीवीवीआरएस (Voice and Video Recording System) के नाम से जाना जाएगा। हर इंजन में दो परिचालन केबिन होते हैं। इंजन में 6 कैमरे लगे हैं, इनमें 2-2 कैमरे केबिन के अंदर, जबकि एक-एक बाहर फ्लैशर लाइट के पास लगाए गए हैं। केबिन के अंदर लगे कैमरे लोको पायलट की एक्टिविटी और आवाज रिकॉर्ड करेंगे। बाहर के कैमरे सिग्नल, ओएचई और अन्य स्थितियां दर्ज करेंगे।

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