पचमढ़ी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को पचमढ़ी में अमलतास होटल पहुंचकर यहां स्थित कोरकू/ मवासी समाज के पवित्र श्रद्धा स्थल पर नमन किया। इस दौरान कोरकू जनजातीय समाज के सदस्यों ने पारंपरिक गाथा नृत्य प्रस्तुत कर और समाज की परंपरागत रीति से मुख्यमंत्री डॉ यादव का भव्य स्वागत किया
इस अवसर पर 26 सदस्यीय दल ने ढोलक, टिमकी और झांझ जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ जनजातीय गाथा नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने भी झांझ मजीरा बजाकर जनजाति कलाकारों का उत्साह बढ़ाया और प्रोत्साहन स्वरूप 5-5 हजार की राशि देने की घोषणा की। कार्यक्रम के दौरान समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को श्रद्धा स्थल की मान्यताओं और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी भी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजा भभूत सिंह जी के वंशज श्री मनीष भोपाजी से भी आत्मीय चर्चा की।

समाज के श्रीमत गुड्डी शीलू और विजय शीलू ने बताया कि श्रद्धा स्थल पर स्थित पत्थर की संरचना को कोरकू मवासी समाज में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह संरचना राजा भभूत सिंह जी द्वारा स्थापित की गई थी, जो कि समाज के पूर्वजों का प्रतीक मानी जाती है। मान्यता के अनुसार यह संरचना सप्त धातु से निर्मित है। राजा भभूत सिंह प्रकृति प्रेमी थे और उन्होंने पचमढ़ी में इस गाथा स्थल की स्थापना की थी। इसी कारण यह स्थल कोरकू मवासी समाज में सम्मान का केंद्र बना हुआ है।
श्रद्धा स्थल पर लकड़ी के पटियों पर हस्तनिर्मित चित्र उकेरे गए हैं, जिनमें सूर्य और चंद्रमा की आकृति, घोड़े पर सवार मृतक का चित्र, उनकी मृत्यु तिथि, गाथा बैठाने की तिथि एवं उन पूर्वजों के चित्र होते हैं एवं कुटुंब कबीले के पूर्व मृतक जिनकी गाथा अब तक शामिल नहीं हो पाई है,उनकी गाथा शामिल करने वाले पूर्वजों के चित्र अंकित होते है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाज की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं के संरक्षण के प्रयासों की सराहना की।
एक पेड़ मां के नाम अभियान का शुभारंभ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी में राजा भभूत सिंह के शौर्य, बलिदान एवं साहस को स्मरण कर उनकी स्मृति में आयोजित केबिनेट बैठक के उपरांत एक पेड़ मां के नाम अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजा भभूत सिंह उद्यान पहुंचकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए अपनी माताजी के नाम पर आम का पौधा रोपित किया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा एवं उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी अपनी-अपनी माताजी के नाम से आम के पौधों का रोपण कर अभियान में सहभागिता की। कार्यक्रम में राज्य सरकार के अन्य मंत्रीगण भी उपस्थित रहे। सभी मंत्रीगणों ने अपनी माताओं के सम्मान में पौधारोपण कर एक पेड़ मां के नाम अभियान को सार्थक रूप प्रदान किया।
बाल उद्यान अब भभूत सिंह उद्यान होगा
उल्लेखनीय है कि पूर्व में यह उद्यान बाल उद्यान के नाम से जाना जाता था। मुख्यमंत्री द्वारा इस उद्यान का नाम वीर राजा भभूत सिंह की स्मृति में राजा भभूत सिंह उद्यान किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि राजा भभूत सिंह जी ने अंग्रेजों से संघर्ष कर देशभक्ति की जो मशाल जलाई थी, वह अद्वितीय और प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विरासत से विकास के उद्घोष के अनुरूप स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों को स्मरण कर रही है और उनके योगदान को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पचमढ़ी को आदि काल से अद्भुत प्राकृतिक धरोहर बताया और कहा कि सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में राजा भभूत सिंह जैसे योद्धाओं की वीरगाथाएं बसती हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बताया कि आगामी 14, 15, 16 जून को पचमढ़ी में सभी विधायकों और सांसदों के साथ अभ्यास सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें पचमढ़ी क्षेत्र के विकास का विस्तृत रोडमैप तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में कश्मीर की वादियों का अनुभव होता है। ऐसा लगता है कि इस स्थान को छोड़कर हम किसी और स्थान पर ना जाए। परमात्मा कि प्राकृति के द्वारा दिया गया अद्भुत वरदान एवं नैसर्गिक वातावरण कि अद्वितीय देन है पचमढ़ी। इसके विकास के लिए हम निरंतर कार्य करेंगे।