डोलरिया तहसील के ग्राम दहेड़ी में हुआ प्लांट का भूमिपूजन
इटारसी। अगले वर्ष के प्रारंभ में जिले को एक सीएनजी, एलपीजी और जैविक खाद का वृहद स्तर पर उत्पादन होने लगेगा। डोलरिया तहसील के ग्राम दहेड़ी में आज अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के अवसर पर प्लांट का भूमिपूजन किया है। मीरा क्लीन फ्यूल लिमिटेड मुंबई (Meera Clean Fuel Limited Mumbai) द्वारा स्थापित होने वाले जैविक ईंधन और जैविक खाद के इस प्लांट को यहां विजयासन फ्यूल क्लीन प्रायवेट लिमिटेड (Vijayasan Fuel Clean Private Limited) द्वारा संचालित किया जाएगा। आज भूमिपूजन समारोह कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए महज आधा दर्जन लोगों की उपस्थिति में किया है। इस प्लांट के प्रारंभ होने की तिथि 26 जनवरी 2022 निर्धारित की गई है। इस अवसर पर ग्राम के उन्नत कृषक एवं जैविक कृषि करने वाले किसान एवं प्लांट के लिए भूमि उपलब्ध कराने वाले संस्कार गौर मुख्य रूप से उपस्थित थे। कंपनी के संचालक मनोज गौर ने भूमिपूजन किया। संचालन चंद्रशेखर गौर और आभार प्रदर्शन मनोज गौर ने किया।
देशभर में सौ प्लांट के लिए भूमिपूजन
ग्राम दहेड़ी में बनने वाले करीब 50 करोड़ के इस प्लांट के साथ ही देशभर में ऐसे सौ प्लांट का भूमिपूजन आज ही एक साथ, एक ही समय पर किया है। प्लांट का कार्य यथाशीघ्र प्रारंभ होगा। आज भूमिपूजन के साथ ही यहां पौधरोपण भी किया और तहसील में अधिक से अधिक पौधरोपण करके पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प भी लिया है।
यह होगा इस प्लांट में काम
प्लांट में नेपियर ग्रास, गोबर एवं कृषि अवशेष से जैविक ईंधन (Organic fuel) व जैविक खाद का उत्पादन होगा जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। किसानों को कच्चे माल के लिए नेपियर ग्राम लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही गोबर, कचरा, धान और गेहूं की नरवाई आदि भी किसानों से खरीदे जाएंगे।
कंपनी का उत्पादन लक्ष्य
विजयासन फ्यूल क्लीन प्रायवेट लिमिटेड एवं एमपीसीजी एग्रो लिमिटेड द्वारा स्थापित होने वाले मीरा क्लीन फ्यूल लिमिटेड के इस प्लांट से 100 टन बायो गैस और 150 टन बायो खाद प्रतिदिन का उत्पादन होगा। प्लांट की प्रारंभिक अवस्था कम क्षमता की होगी। इससे तहसील के 12 से पंद्रह सौ युवाओं का रोजगार मिलने की उम्मीद है।
ऐसे होगा किसानों को फायदा
कंपनी किसानों को नेपियर घास लगाने प्रेरित कर रही है। इस घास के साथ ही धान और गेहूं की नरवाई भी कंपनी खरीदेगी। नेपियर घास एक बार लगाने के बाद 7 से 8 वर्ष तक उत्पादन देता है और किसानों को प्रतिवर्ष डेढ़ से दो लाख रुपए प्रति एकड़ की आमदनी होती है। कच्चा माल किसानों से खरीदकर फायदा दिया जाएगा।
रोजगार के अन्य अवसर मिलेंगे
तहसील के युवाओं और किसानों को कंपनी अन्य रोजगार के लिए भी प्रेरित करेगी। जिनके पास खेती नहीं हैं उन्हें जैविक दूध, बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, मुर्गी पालन के लिए सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी। खेती को रासायनिक से जैविक खेती में बदलने प्रशिक्षण, जैविक बीज एवं खाद उपलब्ध करायी जाएगी।
सीएसआर फंड से विकास में सहयोग
कंपनी के एमएल गौर ने बताया कि कंपनी अपने सीएसआर फंड से डोलरिया तहसील में विकास कार्यों में भी राशि खर्च करेगी। उन्होंने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था, युवाओं को खेलों में आगे बढ़ाने, खेल मैदान आदि में मदद करेंगे। प्लांट से लगने वाले क्षेत्र में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी कंपनी काम करेगी।
नोट :-और अधिक या कुछ अलग जानकारी प्राप्त करने के लिए कृपया मोबाइल नंबर 9926367636 पर एमएल गौर से संपर्क कर सकते हैं।