इटारसी। मांझी समाज (Majhi samaj) की युवा शाखा के अध्यक्ष ने अपनी मां के देहावसान के बाद उनकी तेरहवी पर मृत्युभोज न देकर एक राशि समाज को दान की है। संगठन के मीडिया प्रभारी अनिल केवट ने कहा कि आज के महंगाई के इस दौर में परिवार में अगर किसी की बीमारी से मृत्यु हो जाती है तो वो परिवार इलाज करते करते आर्थिक तौर पर टूट जाता है। बाद में उसकी रसोई का भी खर्च भी समाज में उठना पड़ता है, जो इस स्थिति में गरीब परिवार नहीं कर सकता है।
मांझी समाज में रसोई प्रथा को बंद करने के लिये युवा मांझी समाज संगठन के अध्यक्ष रोहित रायकवार (Chairman Rohit Raikwar) आगे आये। उन्होंने अपनी मां नर्मदा बाई रायकवार जिनका निधन बीमारी के कारण 14 अप्रैल बुधवार को हो गया था। उनकी रसोई 24 अप्रैल दिन शनिवार को थी। उन्होंने रसोई को नहीं कर उस राशि को समाज संगठन में दानराशि के रूप में दी। मांझी समाज में रसोई नहीं करने की पहल प्रारंभ की है। इस पहल की मांझी समाज ने सराहना की है।