डॉ.सेठा की अस्पताल के अकाउंटेंट ने किया ढाई करोड़ से ज्यादा का गबन

  • मामले की जांच और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए बनायी टीम
  • इटारसी निवासी अकाउंटेंट मोहसिन ने किया विश्वासघात
  • अति विश्वास करना सेठा दंपत्ति के लिए घातक हुआ

नर्मदापुरम। यहां के डॉ. उमेश सेठा द्वारा संचालित मदन मोहन स्मृति अस्पताल के अकाउंटेंट ने 2.60 करोड़ रुपए का गबन करके फरार हो गया है। अकाउंटेंट मोहसिन खान ने डॉ. उमेश सेठा की पत्नी ज्योति सेठा के नाम पर 8 बैंकों से लोन ले रखा है।
टीआई विक्रम रजक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ अस्पताल संचालक की शिकायत पर प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। आरोपी पंजाबी मोहल्ला आसफाबाद निवासी मोहसिन पिता हामिद खान पर धोखाधड़ी का प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। श्री रजक ने बताया कि मामले की जांच और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक टीम बनायी है, जल्द ही मामले में सफलता मिलेगी।

जानकारी के अनुसार आरोपी मोहसिन मदन मोहन मेमोरियल अस्पताल में 2015 से काम कर रहा था। करीब एक वर्ष पूर्व उसकी मां का निधन होने के बाद से वह डॉ.उमेश सेठा के बुलावे पर यहां आकर रह रहा था। उसने सेठा परिवार से विश्वासघात किया है। अस्पताल के सभी अकाउंट नंबर्स में उसका मोबाइल नंबर और ई-मेल दर्ज करा लिये थे ताकि बैंकों से होने वाले ट्रांजिक्शन का पता सेठा परिवार को न लगे। मामले का खुलासा तब हुआ जब डॉ.सेठा ने खाते चेक किये, जिनमें रुपए नहीं थे और सभी अकाउंट खाली थे।

आरोपी मोहसिन अस्पताल का मैनेजमेंट संभालता था। उस पर विश्वास करके डॉ.उमेश सेठा ने एचडीएफसी बैंक के सेविंग अकाउंट और अस्पताल के खाते में राशि जमा व निकासी का काम भी उसे सौंप दिया था। वह सेठा परिवार के बैंकिंग काम संभालता था। डॉ. सेठा ने 4 जनवरी 23 को डेढ़ लाख नकद दिये जो बैंक में जमा ही नहीं हुए। डॉ. सेठा जब बैंक पहुंचे और खातों की जांच की तो मामले का खुलासा हुआ। स्टेटमेंट से खुलासा हुआ कि खातों से पूरी राशि निकाल ली गई है। 5 जनवरी से मोहसिन अपने रिश्तेदार के यहां जाने और 9 जनवरी तक वापस आने का कहकर गया तो लौटा ही नहीं। 10 जनवरी की रात 1 बजे डॉ. सेठा के नंबर पर उसके ही मोबाइल नंबर से मैसेज आया कि उसकी मौत हो गयी है। बाद में पता चला कि किसी दूसरे का एक्सीडेंट हुआ है, इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।

शातिर मोहसिन खान ने अलग-अलग खाते खोलकर डॉ.सेठा के परिचितों से खाते में राशि ली। डॉ. सेठा और उनकी पत्नी ने 2019 से 2022 तक कई बार मोहसिन को नगद राशि जमा करने को दी, तो वह राशि भी जमा नहीं हुई, अस्पताल के रुपए तक जमा नहीं हुए। उसने डॉ. सेठा की सास को भी नहीं छोड़ा और उनके द्वारा दिये एफडी बनाने के एक लाख रुपए की एफडी भी नहीं बनवायी। उनकी मां भी हर माह रुपए जमा करने को देती थी, वे भी जमा नहीं हुए। जब डॉ. ज्योति सेठा की सिविल चेक की तो पता चला कि उनके दस्तावेजों से एक्सिस बैंक से साढ़े 14 लाख, बजाज फिनसर्व से पर्सनल लोन ले रखा है, जो सेठा ने नहीं लिया।

लोन दस्तावेज में छेड़छाड़ की

डॉ. उमेश सेठा के अनुसार उनकी पत्नी और वे कभी एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, टीसीएफएसएल और अन्य बैंक नहीं गये और ना ही इन बैंकों से लोन लिया। एलआईसी से संयुक्त रूप से लिया जिसे बंधन बैंक में स्विच कर 60 लाख का लोन लिया था। मोहसिन ने बैंक से जुड़े लोगों से मिलीभगत करके 60 लाख के लोन को एक करोड़ रुपए दस्तावेज में छेड़छाड़ करके कर दिया। उन्होंने जब रिकार्ड देखा तो वह विभिन्न बैंकों से 2.60 लाख रुपए के लोन ले चका था।

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