शुल्क अधिक होने के कारण मध्यप्रदेश के मछुआरे नहीं ले पा रहे प्रशिक्षण

शुल्क अधिक होने के कारण मध्यप्रदेश के मछुआरे नहीं ले पा रहे प्रशिक्षण

  • – मप्र के एक मात्र केंद्रीय मात्सियिकी शिक्षा संस्थान में दो वर्ष में मात्र 15 मछुआरो ने लिया प्रशिक्षण

इटारसी। पवारखेड़ा (Pawarkheda) में स्थित मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के एकमात्र केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान (Central Institute of Fisheries Education) में देश भर से शोध करने विद्यार्थी और मछुआरे मत्स्य पालन सीखने आ रहे हैं। इस केंद्र में कुशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम, फील्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम, इन प्लांट प्रशिक्षण और ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस संस्थान में ताजे पानी के मागुर, कार्प, मीणा पानी का झींगा पालन, बीज पालन उत्पादन और हैचरी प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाता है।

मांझी मछुआ कल्याण समिति (Manjhi Fishermen Welfare Committee) के अध्यक्ष मोहन रायकवार (Mohan Raikwar) ने बताया कि संस्थान में शोध करने वाले को छोड़कर मछुआ प्रशिक्षार्थी से 4 हजार रुपए शुल्क लिया जा रहा है। अधिक शुल्क के कारण स्थानीय एवं मध्यप्रदेश के मछुआरे प्रशिक्षण नहीं ले पा रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र मुंबई (Indian Agricultural Research Center Mumbai) ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी दी है कि मध्यप्रदेश के मछुआ प्रशिक्षार्थी ने वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के वर्तमान तक दो वर्षों में मत्स्य प्रजनन एवं बीज संवर्धन प्रशिक्षण में जिला भोपाल से 1, बैतूल से 3, नर्मदापुरम से 2, ग्वालियर से 2, इंदौर से 1, सिवनी से 2, मात्र 15 मछुआ प्रशिक्षणार्थी ने प्रशिक्षण लिया।

इसी प्रकार कार्प हैचरी प्रबंधन प्रशिक्षण में जिला राजगढ़ जिले से 2, नर्मदापुरम जिले से 5, खंडवा जिले से 1, मात्र 8 मछुआ प्रशिक्षार्थी ने प्रशिक्षण लिया। मांझी मछुआ कल्याण समिति ने पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्रालय भारत सरकार के केबिनेट मंत्री पुरषोत्तम रुपला एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है। जिसमें मध्यप्रदेश के सभी वर्गों को इस योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

मध्यप्रदेश के एकमात्र केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान पवारखेड़ा में मध्यप्रदेश के योजना लाभंती 4 हजार रुपये अधिक शुल्क होने के कारण प्रशिक्षण नहीं ले पा रहे हैं। पत्र के माध्यम से प्रशिक्षण राशि कम करने एवं भत्ता राशि देने का निवेदन किया गया है।

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AUTHORRohit

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