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मनुष्य जीवन विषय वस्तु भोगने के लिए नहीं : मधुकर व्यास

इटारसी। पवित्र पावन श्रावण माह के बाद पुरुषोत्तम मास में श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर (Shri Dwarkadhish Bada Mandir)में जारी संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha) के द्वितीय दिवस बुधवार को कथाव्यास पं मधुकर व्यास ( Pt. Madhukar Vyas) ने व्यासपीठ से संबोधित करते हुए राजा परीक्षित को मिले श्राप की कथा सुनायी। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है, लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है। उसका सारा ध्यान संसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है। मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति शाश्वत है।

उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का उद्देश्य कृष्ण को पाकर ही जीवन छोडऩा है और अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे कि हमें जीवन में कृष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा नहीं है। भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण करती है। भगवत कथा के समय स्वयं श्रीकृष्ण आपसे मिलने आए हैं। जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है, भागवत उसका सदैव कल्याण करती है। उन्होंने कहा कि बिना जाति और बिना मजहब देखे इनसे आप जो मांगे ये आपको वो मनवांछित फल देती है और अगर कोई कुछ न मांगे तो उसे मोक्ष परियन्त तक की यात्रा कराती है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा की शुरुआत में यजमान प्रमोद पगारे एवं धनराज कुशवाह सहित अमित सेठ दरबार ने व्यासपीठ का पूजन और महाराज श्री का स्वागत किया। बता दे कि प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक कथा का श्रवण कराया जाएगा। कथा में वाद्ययंत्र ऑर्गन पर आशीष दुबे, ढोलक और गायक सीताराम संभाल रहे है। कथा के सफल आयोजन में मंदिर प्रबंधन समिति के दिनेश सैनी का महत्वपूर्ण सहयोग है।

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