मध्यप्रदेश के इस गांव में किसानों ने नहर के भीतर दिया धरना

Post by: Rohit Nage

इटारसी। नर्मदापुरम जिले की डोलरिया तहसील के किसानों ने नहर के भीतर धरना देकर जल सत्याग्रह किया। किसानों ने मांग पूरी न होने पर आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी। भारतीय किसान यूनियन टिकैत से जुड़े किसान आंधी-तूफान से खराब हुई फसल का जल्द सर्वे, मुआवजा के साथ ही किसानों को नहर का पानी टेल क्षेत्र तक पहुंचाने की मांग कर रहे थे। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों का धरना खत्म हुआ।

किसानों ने मिसरोद माइनर से मूंग की फसल में पानी देने की मांग का ज्ञापन डोलरिया में दिया था और मांग नहीं मानी जाने पर आज बुधवार को सैकड़ों किसानों ने धरना प्रदर्शन कर नाराजी जतायी है। डोलरिया तहसील के अंतर्गत मिसरोद माइनर नहर पर करीब एक दर्जन से अधिक गांवों के किसानों ने नहर से पर्याप्त पानी नहीं मिलने की समस्या को लेकर धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने बताया कि आगामी मूंग की फसल में फसल की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने पर गांव के मतदाताओं द्धारा आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के संभागीय अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि डोलरिया में ज्ञापन देने के बावजूद सुनवाई नहीं होने पर आज जल सत्याग्रह किया है। किसानों ने आंधी-तूफान से बर्बाद हुई फसल का जल्द सर्वे कर मुआवजा की मांग की। उन्होंने कहा कि मिसरौद उपनहर के कुछ किसानों का बकाया होने पर सभी किसानों को इसका खामियाजा भोगना पड़ रहा है, जिन किसानों की राशि जमा है, उनको भी पानी नहीं मिल रहा है। उन्होंने मांग की है कि हमें पूरी क्षमता के साथ पानी दिया जाना चाहिए। टेल एरिया के अंतिम किसान तक पानी पहुंचे, इसकी मांग भी की गई है।

उनका आरोप था कि मंत्री और अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं, वे मौके पर आकर किसान की परेशानी नहीं देखते हैं। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो वे चुनावों का बहिष्कार करेंगे। धरना प्रदर्शन के दौरान नहर में उतरकर किसानों ने पानी नहीं तो वोट नहीं और जय जवान, जय किसान के नारे लगाये। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही जल संसाधन विभाग राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। किसानों की समस्या को सुनते हुए अधिकारियों ने जल संसाधन विभाग की आगामी बैठक में किसानों की मांग को रखने का आश्वासन दिया।

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