- पंकज पटेरिया
राजनीति के पथ से टीवी सीरियल में श्रीमती स्मृति ईरानी की वापसी से कुछ लोगों ने आसमान सर पर उठा दिया है। उनका उपहास उड़ाते हुए व्यंग्य विनोद के तीर छोड़ जा रहे हैं। यह सतही मानसिकता का दर्शन है।
ज्ञात रहे श्रीमती स्मृति ईरानी भारत सरकार की मंत्री रही है। हारना जीतना तो चलता रहता है। कुछ लोग हारने के बाद हताश हो कर हाशिए पर चले जाते और गुमनामी के अंधेरे बीहड़ में खो जाते हैं। उस की जगह स्मृति ईरानी ने अपने आत्मविश्वास को बनाए रख और प्रतिभा को पहचानते हुए। लोकप्रिय सीरियल में लौटने और फिर अपनी भूमिका का निर्वाह करने का निश्चय किया है। यह स्वागत योग्य है।
अनुकरणीय, अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी
प्रसंगवश विधायक और पूर्व विधान सभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा के चुनाव के समय वे जब नर्मदापुरम सभा संबोधन करने आई थीं, लौटते वक्त भाजपा नेता पीयूष शर्मा गाड़ी से उन्हें छोडऩे जा रहे थे। भागते-भागते उनसे इस पत्रकार ने पूछा था क्या आप कभी फिर अभिनय में लौटेंगी तो वे मुस्कुराई थी। उन्होंने इनकार नहीं किया था। पर ध्वनि में आशा जनक संकेत थे। अस्तु।
पंकज पटेरिया। वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार
संपादक शब्द ध्वज
भोपाल