इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर में प्रथम जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति इटारसी हर्ष भदोरिया, अधिवक्ता जितेन्द्र जैन, लोक अभियोजन अधिकारी राजीव शुक्ल, महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. राकेश मेहता, वरिष्ठ प्राध्यापक अरविन्द कुमार, संयोजक डॉ. रश्मि तिवारी मंचासीन रहे।
प्राचार्य डॉ. राकेश मेहता ने स्वागत उद्ध्बोधन में कहा कि कानून के सिद्धांत के अनुसार कानून की अज्ञानता बहाना नहीं है। ऐसे अपराध क्षमा योग्य नहीं होते हैं, तथ्य की अज्ञानता को माफ किया जा सकता है, कानूनी ज्ञान न होने का बहाना कर कोई भी कानूनी दायित्व से नहीं बच सकता। न्यायाधीश हर्ष भदोरिया ने कहा कि आलस्य एवं लालच अपराध के आधार होते जा रहे हैं, इनसे प्रत्येक व्यक्ति को बचना चाहिए। साइबर क्राइम का शिकार एक पढ़ा लिखा वर्ग भी बन जाता है, इसलिए व्यक्ति को आलस्य एवं लालच से कोताही बरतनी चाहिए।
फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर अपनी फोटो, वीडियो आदि शेयर न करें, मोबाइल का उपयोग सावधानी से करें क्योंकि इनके द्वारा ही साइबर क्राइम बढ़ रहे हैं। स्वामी विवेकानंद के जीवन को आधार बनाते हुए अपने व्याख्यान में सफलता के मंत्र को भी बताया। अभियोजन अधिकारी राजीव शुक्ल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार, उच्च न्यायलय एवं सर्वोच्च न्यायलय का इस प्रकार शिविरों का उद्देश्य विधि और कानून की जानकारी से आम जन को जागरूक करना है, जिससे अपराधों को रोकने में मदद मिलती है।
अधिवक्ता जितेन्द्र जैन ने कहा कि व्यक्ति को विधि प्रकरण के अनुसार चलना चाहिए, विनाशकाल में प्राधिकरण संपत्ति का आंकलन किया जाता है। कानून की जानकारी से सभी लोग परिचित हों जिससे अपराध पर लगाम लगा कर उसे रोका जा सके। आभार प्रदर्शन संयोजक डॉ.रश्मि तिवारी ने एवं संचालन हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.संतोष कुमार अहिरवार ने किया।
कार्यक्रम में प्राध्यापक डॉ. अरविंद शर्मा, डॉ. ओपी शर्मा, डॉ. एमव्ही कनकराज, डॉ. विनोद कृष्णा, डॉ. संतोष अहिरवार, डॉ. मनीष चौरे, डॉ. बस्स सत्यनारायण, डॉ. आशुतोष मालवीय, डॉ.दिनेश कुमार, डॉ. बालगोविन्द शुक्ल, डॉ.असुंता कुजूर, डॉ. अर्चना शर्मा, सुशीला वरवड़े, मीरा यादव आदि प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।