इटारसी। शिक्षा बच्चों को प्रभावी और जिम्मेदार बनाती है और बच्चों को प्रभावी और जिम्मेदार बनाने के लिए नेतृत्व भी प्रभावी होना चाहिए। स्वयं में प्रभावी जिम्मेदार नेतृत्व का विकास करें। यह बात संयुक्त् राज्य अमेरिका (United States of America) के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ. जार्ज कलिंगल (Dr. George Kallingal) ने एमजीएम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट कोलकाता (MGM Group of Institutes Kolkata) और सेंट थॉमस मिशन भिलाई (St. Thomas Mission Bhilai) समूह के संयुक्त तत्वावधान में डॉन वास्को इंस्टीट्यूट (Don Vasco Institute), गुवाहाटी (Guwahati) में अपने संस्थानों के प्रमुख के लिए दो दिवसीय बैठक के दौरान कही। बैठक में एमजीएम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष एवं लगभग 40 प्राचार्यों और उपाध्यक्षों ने भाग लिया।
बैठक में इटारसी एमजीएम स्कूल (Itarsi MGM School) के प्राचार्य अनुराग दीवान (Principal Anurag Dewan) भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि उद्घाटन कार्यक्रम विशप मेजबान डीबीआई फादर क्लेटस सेजस्टियन, फादर डॉ. जोश वर्गीस, फादर अंजू के वर्गीस और अतिथि वक्ता डॉ. जॉर्ज कलंगल के सानिध्य में संपन्न हुआ। संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ. जार्ज कलिंगल द्वारा प्रभावी और जिम्मेदार नेतृत्व पर दो सत्र आयोजित किये। फादर डॉ. जोशी वर्गीस ने विद्यालयों के प्राचार्य के साथ विद्यालय में लागू सर्वोत्तम शैक्षणिक प्रयासों के संबंध में बैठक की। इसके बाद एनईपीए पैराडाइम शिफ्ट विषय पर कॉटन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर राखी मोरल द्वारा एक आयोजित किया गया। बच्चों को रखें मोबाइल से दूर प्रशिक्षण के दूसरे दिन की शुरुआत मानसिक स्वास्थ्य प्रोफेसर चंदिता बरूआ, एचओडी मनोविज्ञान असम डॉन वास्का विश्वविद्यालय द्वारा की गई।
सत्र में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों की पहचान करने और संबोधित करने विषय पर चर्चा की गई। सोशल मीडिया और इसके प्रभाव, लत, साइबर अपराध और व्यवहार संबंधी समस्या विषय पर था, जिसे की डॉ. अनुभा गोस्वामी द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके बाद फादर डॉ. जोशी के नेतृत्व में गुणवत्ता संवर्धन पर चर्चा हुई। फादर द्वारा स्कूलों के सामने आने वाली चुनैतियां विषय पर संबोधित किया। इसे डॉन वास्को इंस्टीट्यूट के फादर प्लेट मेस्टियन ने संबोधित किया। सुरक्षा और सुरक्षा नियम और विनियमों पर कुरिला द्वारा पुनर्विचार प्रस्तुत किया गया।
समापन समारोह के अंत में विशप एचजी एलेविसयोस मार यूसेथिपस ने संस्था प्रमुखों से आग्रह किया कि वे जो कुछ भी सीखते हैं उसे अपने संबंधित स्कूलों में व्यवहार में लाएं। परंपरागत खेलों को दें बढ़ावा दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान सभी प्राचार्यो और संस्थान अध्यक्षों से कहा कि परंपरागत खेलों को बढ़ावा दें। विद्यालयों को परंपरागत खेलों में को बढ़ावा देने से बच्चों में अपनी संस्कृति, खेल, आचार-विचार, सहभागिता और मिट्टी से जुडऩे के भाव आएंगे।