मातृभाषा और महात्मा गांधी विषय पर व्याख्यान, परिचर्चा, संवाद

मातृभाषा और महात्मा गांधी विषय पर व्याख्यान, परिचर्चा, संवाद

इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय(Girls College) में महात्मा गांधी(Mahatma Gandhi) की जयंती पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति(National education policy) के अंतर्गत मातृभाषा और महात्मा गांधी विषय पर व्याख्यान, परिचर्चा और संवाद का आयोजन किया गया।
प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा(Principal Dr. RS Mehra) ने बापू की प्रतिमा पर मल्यार्पण कर शुभारंभ किया। गूगल मीट(Google Meet) के माध्यम से सभी प्राध्यापकों एवं छात्राओं ने भाग लेकर अपने विचार व्यक्त किये। प्राचार्य डॉ. मेहरा ने बताया कि गांधी जी के आदर्शों का प्रभाव आधुनिक हिन्दी काव्य पर संपूर्णता से व्याप्त है, वहीं गद्य साहित्य भी उनके प्रभाव से अछूता नहीं रहा है। मुंशी प्रेमचन्द, असहयोग आंदोलन से उनके साथ जुड़े थे। डॉ.श्रीराम निवारिया ने कहा कि राष्ट्रपिता ने देश की स्वतंत्रता के लिए जो योगदान दिया है उसे हम सब कभी भुला नहीं सकते हैं।

हरप्रीत रंधावा ने कहा कि महात्मा गांधी को भारत के पिता की उपाधि दी गई क्योंकि उन्होंने अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अहिंसा एवं सत्य का मार्ग अपनाया। डॉ.संजय आर्य ने कहा कि गांधीजी ने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति कई आन्दोलन के लिये लोगों को प्रेरित किया। शिरीष परसाई ने कहा कि महात्मा गांधी, जीवन मूल्यों के श्रेष्ठतम प्रयोगकर्ता थे। स्वामी विवेकानन्दय कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी अमित कुमार ने कहाकि महात्मा गांधी ने हरिजन पत्रिका के अंक में प्रकाशित वर्धा शिक्षा योजना(Wardha Education Scheme)में भी नैतिक शिक्षा एवं मातृ भाषा में शिक्षा का पुरजोर समर्थन किया था। मंजरी अवस्थी, डॉ. पुनीत सक्सेना, डॉ.मुकेश चंद्र बिस्ट, रविन्द्र चौरसिया, डॉ. शिखा गुप्ता, सोनम शर्मा, सरिता मेहरा, हेमन्त गोहिया, राजेश कुशवाह ने भी विचार व्यक्त किये। छात्राओं द्वारा भाषाण प्रतियोगिता में प्रथम स्थाान दीपिका जनोरिया, द्वितीय अदिति पटेल एवं तृतीय रूपाली चौहान रहीं। प्राचार्य ने व्हाट्सएप के माध्यम से ई. सर्टिफिकेट छात्राओं को प्रेषित किये।

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