महाकवि कालिदास के साहित्य में जीवन दर्शन विषय पर व्याख्यान  

Post by: Aakash Katare

इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय (Government Mahatma Gandhi Memorial Post Graduate College) में आज महाकवि कालिदास के साहित्य में जीवन दर्शन विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. राकेश मेहता, डॉ नीरज जैन, डॉ दाताराम पाठक, डॉ अरविंद शर्मा, श्रीमती श्रुति ने मां सरस्वती की आराधना तथा पूजा अर्चना कर किया।

मुख्य वक्ता डॉ.दाताराम पाठक, सहायक आचार्य, केन्द्रीय संस्कृत संस्थान ने महाकवि कालिदास के जीवन तथा कृतियों का परिचय देते हुए कहा कि कालिदास का साहित्य अनुमानत: 300 ई. पू. के होते हुए भी आज भी हमारे जीवन को अत्यधिक प्रभावित करता है। उनका जीवन दर्शन मानवीय मूल्यों, प्रेम, त्याग, तपस्या, कर्तव्य भावना अहंकार रहित भावों से युक्त है।

कवि ने इस प्रकार के जीवन दर्शन को अपने साहित्य में विभिन्न पात्रों से परिलक्षित किया है। आज्ञा गुरुणां  विचारणीया, प्रतिब्धनाति हि श्रेय पूज्यपूजाव्यतिक्रम आदि अनेक सूक्ति तथा उदाहरणों के द्वारा कालिदास तथा उनके साहित्य की प्रासंगिकता को चित्रित किया।

प्राचार्य डॉ. राकेश मेहता ने कहा कि कालिदास संस्कृत साहित्य के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं। उनकी कविता शक्ति तथा प्रतिभा के कारण ही उन्हें कविकुलगुरु की उपाधि से विभूषित किया। वास्तव में कालिदास संस्कृत साहित्य की मणि माला के मध्य मणि है। इस प्रकार के कवियों का साहित्य मानवीय भावों तथा मूल्यों को मूर्त रूप प्रदान करता है।

जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष डॉ. नीरज जैन ने कहा कि संस्कृत भाषा तथा साहित्य हमारी भारतीय संस्कृति के पोषक हैं। संस्कृत हमारी प्राचीनतम भाषा है तथा इसी भाषा से हमारी सभी भाषाओं का उद्गम हुआ है। अत: हम सभी का दायित्व है कि हम अपनी भाषा तथा संस्कृति की रक्षा करें।

वल्‍ड बैंक प्रभारी तथा अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों में संस्कृत तथा साहित्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न करते हैं। इसी प्रकार के व्याख्यान छात्र हित में आगे भी आयोजित होते रहेंगे।

इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ओपी शर्मा ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। संचालन संस्कृत विभाग के विभागध्यक्ष श्रुति ने किया।

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