इटारसी। करीब तीन वर्ष पूर्व पुणे-लखनऊ एक्सप्रेस में वसूली विवाद पर अपने प्रतिद्वंद्वी किन्नर को फैकने वाले किन्नर आयशा गुरू और उसके तीन साथियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। मामला 31 मार्च 2018 का है।
आज गुरूवार को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश संजय पांडेय (Judge Sanjay Pandey) ने फैसला देते हुए आयशा किन्नर और उसके साथियों को हत्या मामले में आजीवन कारावास, हत्या के प्रयास में दस साल एवं दो-दो हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक राजीव शुक्ला एवं भूरे सिंह भदौरिया ने सभी साक्षियों के बयान कराए।
वारदात के चश्मदीद मृतक पायल गुरू की साथी खुशी किन्नर ने भी आरोपितों के खिलाफ गवाही दी, जो पूरे घटनाक्रम की चश्मदीद गवाह थी। आरोपियों को जिला जेल से पेशी पर लाया गया था। 31 मार्च 2018 को पुणे-लखनऊ एक्सप्रेस में इटारसी से आयशा गुरू की गैंग के बिट्टू उर्फ सनमान, साहिद खान और सनमान निवासी नाला मोहल्ला जनरल कोच में सवार हुए, इसी कोच में पायल गुरू और साथी खुशी किन्नर भी चढ़ गए, अंदर यात्रियों से पैसे वसूली को लेकर होशंगाबाद-बुधनी के बीच दोनों के विवाद झगड़ा हो गया, विवाद इतना ज्यादा हुआ कि आयशा और उसके साथियों ने जमकर पिटाई करते हुए पायल गुरू को बुधनी के पास चलती ट्रेन से फेंक दिया। गंभीर हालत में पायल को बुधनी जीआरपी ने अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान पायल की मौत हो गई, बाद में इटारसी जीआरपी ने असल अपराध दर्ज किया। दलीलों से सहमत होकर न्यायाधीश संजय पांडेय ने धारा 307, 302, 34 आईपीसी में चारों आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।