अहाता संचालक की हत्या जघन्य करने वालों को आजीवन कारावास

Post by: Rohit Nage

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High Court put stay on DRT order

पिपरिया। अपर सत्र न्यायाधीश पिपरिया कैलाश प्रसाद मरकाम (Additional Sessions Judge Pipariya Kailash Prasad Markam) ने निर्णय पारित करते हुए आरोपी अजय पुर्विया (Ajay Purvia), संजय शर्मा (Sanjay Sharma), गौरीशंकर अहिरवार (Gaurishankar Ahirwar), अनिल उर्फ अन्ना ठाकुर (Anil Thakur), हल्के उर्फ महेश ठाकुर (Mahesh Thakur), राज उर्फ धनराज वंशकार (Dhanraj Vanshkar), विमल भाट (Vimal Bhat), महेश अहिरवार (Mahesh Ahirwar) को धारा 302 भादवि हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित किया है।

जिला लोक अभियोजन अधिकारी, नर्मदापुरम राजकुमार नेमा (District Public Prosecution Officer Narmadapuram Rajkumar Nema) ने बताया कि 25-26 अप्रैल 2022 की रात्रि करीब 11.30 बजे फरियादी संजय राय (Sanjay Rai), अमित राय (Amit Rai) तथा अन्नू कहार (Annu Kahar) तीनों स्कूटी से अन्नू कहार को छोडऩे हथवांस जा रहे थे। जैसे ही हीरो शोरूम के सामने रात्रि 11:40 बजे पहुंचे कि अजय पुर्विया, संजय शर्मा, गौरीशंकर अहिरवार, अनिल उर्फ अन्ना ठाकुर, हल्के उर्फ महेश ठाकुर, राज उर्फ धनराज वंशकार, विमल भाट, महेश अहिरवार ने उन्हें रोक लिया और उन्हें गालियां देकर अजय पुर्विया ने लोहे की रॉड से संजय के सिर पर मारा जिससे उसे सिर में चोट लगकर खून निकलने लगा तथा आरोपी ने लाठी, रॉड से अमित राय से मारपीट की जिससे मृतक उसके सिर, मुंह, हाथ, पीठ पर चोटें आई दोनों वहीं गिर गये, आरोपी मारपीट करने के बाद जान से खत्म करने की धमकी देते हुए वहां से भाग गये।

फरियादी ने घटना की जानकारी अपने भाई को दी। सूचना प्राप्त होने पर संजय राय का भाई तथा अमित राय के पिता तथा चचेरा भाई घटना स्थल पर आये और उन्होंने संजय राय तथा अमित राय को उठाकर सरकारी अस्पताल पिपरिया लाए। सरकारी अस्पताल पिपरिया में संजय राय ने पुलिस को घटना की रिपोर्ट लिखाई। अमित राय को अधिक चोट होने से उसे होशंगाबाद इलाज हेतु रेफर कर दिया जहां पर उपचार के दौरान अमित राय की मृत्यु हो गयी।

जांच के दौरान मृतक अमित राय की मृत्यु हो जाने से धारा 302 का इजाफा कर संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगणों के विरुद्ध धारा 147,148,149,341,302,326,294,323,506,120बी भादवि के तहत चालान तैयार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज की श्रेणी में रखा गया था। अभियोजन द्वारा न्यायालय मे कुल 26 साक्षियों का परीक्षण कराया। न्यायालय ने अभिलेख पर आयी साक्ष्य के आधार पर अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगणों को दोषी पाकर दंडित किया गया। शासन की ओर से उपरोक्त मामले में पैरवी विशेष लोक अभियोजक सोहन लाल चौरे (Special Public Prosecutor Sohan Lal Chaure) द्वारा की गयी।

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