विस्थापित ग्राम नया झालई एवं नया साकई में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की सुनी समस्याएं

Post by: Rohit Nage

Listened to the problems of villagers by setting up Chaupal in displaced villages Naya Jhalai and Naya Sakai
  • सिंचाई एवं पानी की समस्या दूर करने के लिए ग्रामीणों के खेत में खेत तालाब बनाने के दिए निर्देश
  • कमिश्नर ने ग्राम वासियों की मांग पर तेंदूपत्ता फड़ गांव में ही लगाने के लिए दिए निर्देश

इटारसी। कमिश्नर केजी तिवारी एवं कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना गुरुवार को केसला विकासखंड के दूरस्थ विस्थापित वन ग्राम नया झालई एवं नया साकई पहुंचे। नया झालई एवं नया साकई के ग्रामीण कमिश्नर एवं कलेक्टर को अपने बीच पाकर अत्यधिक प्रसन्न हुए। कमिश्नर एवं कलेक्टर ने ग्राम में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं को धैर्य से सुना और मौके पर निराकरण किया।

ग्राम चौपाल में आए ग्राम वासियों ने कमिश्नर को बताया कि ग्राम में पानी की बहुत समस्या है। बार-बार बोर करने पर भी बोर फेल हो जाते हैं, जिससे सिंचाई के लिए पानी की अनुपलब्धता की स्थिति हमेशा बनी रहती है। ग्राम वासियों ने मांग की है कि तवा नहर जमानी तक आई हुई है। जमानी से यहां तक नहर बनाकर पानी दिया जाए। कमिश्नर श्री तिवारी ने ग्राम वासियों को अवगत कराया की जमानी से यहां तक नहर का पानी लाने में काफी समय लग जाएगा इसकी अपेक्षा उन्होंने सभी किसानों के खेत में खेत तालाब बनाने के निर्देश दिए और कहा कि खेत तालाब से किसान को वर्ष भर पानी मिलेगा और इससे वह अपनी सिंचाई भी सुचारू रूप से कर सकेंगे।

नया झालई के ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर 37 परिवार तेंदूपत्ता तोडऩे के कार्य में संलग्न हैं। लेकिन तेंदूपत्ता का फड़ ग्राम माना में लगता है, जो यहां से 3 किलोमीटर दूर है। तेंदूपत्ता का फड़ 3 किलोमीटर दूर उबड खाबड़ रास्ते से ले जाने में दिक्कत होती है। ग्रामीणों ने मांग की है कि तेंदूपत्ता का फड़ ग्राम झालई में ही बनाया जाए। कमिश्नर ने उक्त मांग का एसडीओ वन विभाग को परीक्षण करने के निर्देश दिए और कहा कि 50 हजार मानक बोरा के मान से फड़ लगता है तो ग्राम माना में इससे ज्यादा फड़ लगता होगा, तो उसे यहां समायोजित करते हुए अगली बार से तेंदूपत्ता का फड़ ग्राम झालई में लगाकर तेंदू पत्ता ग्राम से ही खरीदा जाए।

उल्लेखनीय है कि ग्राम नया झालई वन विस्थापित ग्राम है। यहां पर किसानों को बसाने के लिए 5 एकड़ भूमि अथवा 10 लाख रुपए की राशि का विकल्प दिया गया था। सभी किसानों ने बताया कि उन्होने विकल्प तौर पर 5 एकड़ जमीन लिया है। ग्रामीणों ने मोबाइल नेटवर्क की समस्या से कमिश्नर को अवगत कराया और बताया कि नेटवर्क स्लो होने के कारण कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मोबाइल नेटवर्क की स्पीड बढ़ाने की मांग की। ग्रामीणों ने कमिश्नर श्री तिवारी को बताया कि ग्राम में प्राथमिक शाला ना होने के कारण छोटे-छोटे बच्चों को 1 किलोमीटर दूर ग्राम नया सांकई पढऩे के लिए जाना पड़ता है। कमिश्नर ने सभी ग्रामीणों को बताया कि शासन की नीति के अनुसार प्रति तीन किलोमीटर पर एक प्राइमरी स्कूल स्थापित किए गए हैं। उन्होंने नेटवर्क प्रॉब्लम की समस्या का यथासंभव हल करने के निर्देश दिए।
कमिश्नर श्री तिवारी एवं कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने ग्रामीणों को शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं जननी सुरक्षा योजना संबंध में ग्रामीणों से पूछताछ की। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम की श्रीमती शोभा पति सुनील एवं सुगंधी बाई, उर्मिला बाई, को प्रथम प्रसव में संबल योजना के अंतर्गत 16 हजार रुपए की राशि मिली लेकिन द्वितीय प्रसव में राशि प्राप्त नहीं हुई। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ललित डेहरिया ने बताया कि दूसरे प्रसव में सहायता राशि देने का प्रावधान अभी हाल ही में ऐड किया गया है। इसलिए राशि देना संभव नहीं है। कमिश्नर ने आंगनबाड़ी केंद्र में मिलने वाले पोषण आहार के संबंध में जानकारी ली, साथ ही ग्रामीणों को कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर मध्य प्रदेश शासन ने आम जनता की सहूलियत के लिए सीएम हेल्पलाइन नंबर 18 1 जारी किया है। ग्रामीण इस नंबर पर शिकायत कर अपनी समस्याओं का निराकरण कर सकेंगे।
चौपाल में ग्रामीणों ने बताया कि उनका पुराना ग्राम झालई भौंरा के पास स्थित था, जो डूब क्षेत्र में आता था। उनकी फसल और घर बारिश में डूब जाते थे। तब सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ने उन्हें 2018 में यहां लाकर बसाया। उन्होंने कहा कि यहां पर वे सभी सुरक्षित महसूस करते हैं। यहां जंगली जानवरों का भी विशेष कोई खतरा नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र न होने से वे अपनी बीमारियों का इलाज कराने उप स्वास्थ्य केंद्र जमानी या इटारसी जाते हैं। गांव के बच्चे केसला, इटारसी एवं जमानी के छात्रावास में रहकर पढ़ाई करते हैं। ग्राम के दो छात्र जो नर्मदा महाविद्यालय में अध्यनरत हैं। उन्होंने कमिश्नर को अपनी शैक्षणिक गतिविधि की जानकारी दी। नया झालई के ग्रामीणों ने कमिश्नर को बताया कि खेत में दोनों तरफ तार फेंसिंग है लेकिन दूसरी तरफ नदी की ओर तार फेंसिंग नहीं है जबकि नया साकई में दोनों और तार फेंसिंग वन विभाग द्वारा किया गया है। उपसंचालक वन विभाग पूजा नागले ने बताया कि बजट में यदि प्रावधान होगा तो अतिरिक्त रूप से तार फेंसिंग का कार्य किया जाएगा।

कमिश्नर श्री तिवारी को ग्रामीणों ने अवगत कराया की बिजली की समस्या पूरे गांव में व्याप्त है। अस्थाई कनेक्शन लेते हैं तो लाइनमैन स्टार्टटर खींचकर ले जाते हैं। कमिश्नर श्री तिवारी ने ग्रामीणों को अवगत कराया की अस्थाई बिजली कनेक्शन 3 माह तक के लिए दिया जाता है। जिसमें 8 हजार 500 का शुल्क लिया जाता है। यदि अस्थाई कनेक्शन एक माह भी चला तो दो माह का पैसा बिजली विभाग वापस करेगा। कमिश्नर ने चौपाल में आयुष्मान कार्ड की जानकारी ली। बताया गया कि गांव के दो से तीन बुजुर्गों के कार्ड आधार कार्ड में उम्र एवं केवाईसी का सत्यापन न होने के कारण नहीं बन पा रहे हैं। कमिश्नर ने सचिव को निर्देश दिए की सभी के कार्ड प्राथमिकता से बनाये जाए।

कमिश्नर ने ग्रामीणों को मुख्यमंत्री विधवा पेंशन, कल्याणी योजना, दिव्यांग पेंशन, मातृ वंदना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना आदि की जानकारी दी और ग्रामीणों से कहा कि वह उक्त योजनाओं का लाभ अनिवार्य रूप से लेवे। उन्होंने टेक होम राशन के तहत राशन की गाड़ी को प्रति माह 23 तारीख को ग्राम में लाने एवं राशन बांटने के निर्देश दिए ताकि 23 तारीख को ग्रामीणों को घर बैठे राशन की प्राप्ति हो जाए।

नया सांकई में लगाई चौपाल

कमिश्नर एवं कलेक्टर ग्राम नया साकई भी पहुंचे और उन्होंने ग्राम पंचायत नया साकई के प्रांगण में ग्राम चौपाल लगाई। ग्रामीणों ने बताया कि 5 एकड़ के खेत में अधिकांश लोगों ने बोर किया था लेकिन जमीन में पत्थर निकल जाने के कारण बोर सक्सेस नहीं हुआ। उन्होंने नहर से पानी दिलाए जाने की मांग की। ग्रामीण ने अमृत तालाब बनाने एवं नया धाई से नया साकई तक तीन किलोमीटर की सड़क बनाने की मांग की। साथ ही कहा की जंगली जानवरों से बचाव हेतु खेत के दोनों तरफ फेंसिंग की जाए। पानी की समस्या ज्ञात होने पर कमिश्नर ने ग्रामीणों की मांग पर स्टाप डैम का प्लान बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। ग्रामीणों ने बताया कि सिंचाई के लिए रात्रि में बिजली मिलती है जिससे उन्हें रतजगा करना पड़ता है। उन्होंने दिन में बिजली प्रदान करने की मांग की। कमिश्नर ने कहा कि शेड्यूल में परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा अगर परिवर्तन किया जाएगा तो दिन में भी बिजली मिलना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने ग्राम वासिायों को बताया कि ग्राम में 26 जनवरी से नल जल योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ हो जाएगा जिसकी समस्त तैयारियां कर ली गई है। ग्रामवासी सुखदेव भलावी ने संभागायुक्त को बताया कि उन्होंने खेत के चारों ओर तार फेंसिंग का कार्य स्वयं के ट्रैक्टर के माध्यम से करवाया था जिसका उनको लगभग 40 हजार रुपयों का पारिश्रमिक अप्राप्त है। संभागायुक्त श्री तिवारी नें वन विभाग को निर्देशित किया है कि शीघ्र ही ग्रामवासी के द्वारा व्यय की हुई राशि का भुगतान किया जाए।

तीन लड़के आर्मी में, एक सहायक सचिव

ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लड़के पढ़ाई में काफी आगे हैं। गांव के तीन लड़के सुरक्षा बलों एवं आर्मी में कार्यरत है वही एक लड़का सहायक सचिव है। कमिश्नर ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि सभी ग्रामीण अपने बच्चों को खूब पढ़ाएं जिससे वे आगे जाकर अपने जीवन में सफल हो सके।

डिलीवरी अस्पताल में ही कराए

कमिश्नर ने सभी ग्रामीणों को समझाइश दी कि वह घर के बजाय अस्पताल में ही सुरक्षित प्रसव कराए इससे शासन द्वारा उन्हे जननी सुरक्षा योजना का पैसा भी प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने सभी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को लेने की समझाइश दी और कहा कि आयुष्मान कार्ड से कोई भी व्यक्ति वंचित न रहे।

मार्च माह में बन जाएगा रपटा

कमिश्नर ने बताया कि नया धाई एवं सांकई के बीच मार्च माह में रपटा का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा, जिससे लोगों को आने-जाने में होने वाली परेशानी से निजात मिल जाएगी। चौपाल के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसएस रावत, उपायुक्त राजस्व गणेश जायसवाल, एसडीएम इटारसी टी प्रतीक राव, जनपद पंचायत केसला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रंजीत ताराम, नया झालई की सरपंच श्रीमती कला कुमारी एवं नया सांकई की सरपंच श्रीमती मालती बाई तुमराम सहित सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

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