Medical Advice : बिना सही जानकारी बर्फ और इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड से सिकाई करना दे सकता है, दर्द

Post by: Rohit Nage

Medical Advice: Without proper information, applying ice and electric heating pad can cause pain.

मेडिकल साइंस के अनुसार ठंडी व गर्म सिकाई अलग-अलग है। बिना सही जानकारी के गलत सिकाई करने के शरीर पर उल्टे प्रभाव पड़ सकते हैं। बिना सलाह से घर पर गर्म पानी, वाटर बैग व इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड से सिकाई करने से मरीज की त्वचा तक झुलस जाती है। कई मामले देखे गये हैं, जिसमें कमर, घुटनों, गर्दन या अन्य दर्द वाले हिस्ते की ज्यादा सिकाई करने के कारण सुपरफिशियल बर्न हो गया। जिसकी वजह से उनकी समस्या अधिक बढ़ गई।

मेडिकल साइंस कहती है बिना जख्म वाली चोट लगने पर 72 घंटे तक ही बर्फ से सिकाई करनी चाहिये। ऐसा इसलिये क्योंकि बर्फ से मिलने वाली ठंडक से ब्लड की कैपिलिरी सिकुड़ती है। जिससे सूजन नहीं बढ़ती है, दर्द कम होता है और अंदरूनी रक्तस्त्राव का खतरा कम होता है। वहीं गर्म सिकाई मसल्स में जकडऩ होने और मांसपेशी कड़क होने पर चोट के 72 घंटे बाद ही की जानी चाहिये। यह भी 15 से 20 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिये। चोट लगने पर तत्काल कभी भी गर्म सिकाई नहीं करना चाहिये।

ऐसे इलाज में डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी जब हड्डी जुडऩे के बाद प्लास्टर निकलता है तब भी कई मरीज यही करते हैं, जिससे ज्वाइंट कड़क हो जाता है। जिसके कारण वे उस अंग को नार्मल रूप से अलग इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। यह समझने की जरूरत है कि गर्म व ठंडी सिकाई किसी दर्द का परमानेन्ट इलाज नहीं है। आज सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी में फिजियों की व्यवस्था का सुधार हुआ है। ऐसे में व्यक्ति को इलाज बिना एक्सपर्ट की सलाह से नहीं करना चाहिये। ऐसे में इस कारण शरीर को समस्या हो सकती है। हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही ऐसे इलाज करना चाहिये।

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डॉ. मोनिका मेहरा
‘फिजियोथैरेपिस्ट’

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