ओमिक्रॉन, ‘ओह माई गॉड’ की स्थिति न ला दे
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ओमिक्रॉन, ‘ओह माई गॉड’ की स्थिति न ला दे

इटारसी। कोविड के नये क्रूर सदस्य ओमिक्रान के अवतार के बारे में वैज्ञानिक जानकारी पर अभी रिसर्च चल रही है। इस अवधि में इसको आमंत्रित करना अनिष्ट का कारण बन सकता है। इससे बचाव का प्रभावी उपाय मास्क, टीकाकरण एवं स्वच्छता ही है। मास्क को लगातार अपना साथी बनाये रखकर सभी प्रकार के संक्रमण को कम किया जा सकता है।
यह बात एक्सीलेंस स्कूल केसला के विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर (Science teacher Rajesh Parashar) ने आज दोपहर ग्राम मोथिया में कोविड जागरूकता कार्यक्रम में आम लोगों से कही। जिला पंचायत के सीईओ मनोज सरियाम के मार्गदर्शन में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में टीकाकरण के महत्व को बताने तीन कटआउट लगाये गये। पहले कटआउट ने टीके की दोनों डोज लगवा रखी थी, जब वायरस का संक्रमण हुआ तो इसे कोई प्रभाव नहीं हुआ। दूसरे कट आउट ने एक डोज के बाद लापरवाही की थी, इसे वायरस का 50 प्रतिशत संक्रमण हुआ एवं तीसरे कटआउट ने टीका नहीं लगवाया था उसमें वायरस का सौ प्रतिशत संक्रमण दिखाई दिया। आम जनता को प्रेरित करने इस रचनात्मक प्रयोग को दिखाया गया।
श्री पाराशर ने कहा कि ओमिक्रान को केवल मीडिया की विषयवस्तु न समझकर इसके अनिष्ट की आशंका से बचाव की तैयारी व्यक्तिगत रूप से करें। संक्रमण को लहर का रूप में आने से रोकना सभी की जिम्मेदारी है। इसके लिये सभी को टीके की दोनों डोज लगवाने के लिये प्रेरित करें। कार्यक्रम में एमएस नरवरिया ने इस प्रयोग का संचालन किया। कैलाश पटैल एवं हरीश चौधरी ने सहयोग किया।

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