इटारसी। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर स्वच्छ पर्यावरण मानव जीवन के लिए वरदान विषय पर ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई साथ ही पोस्टर, निबंध, स्लोगन एवं प्रश्नमंच प्रतियोगिता का भी आयोजन ऑनलाइन किया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा (Principal Dr. RS Mehra) ने कहा कि तेजी से बढ़ता तापमान, जैव विविधता, ओजोन अवक्षय, वृक्षों की अवैध कटाई और प्रदूषण इंसानों के साथ-साथ पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवों के लिए बड़ा ख़तरा बन गया है। यही वजह है कि कई जीव-जन्तू विलुप्त हो गए हैं या विलुप्त होने की कगार पर है। साथ ही लोग भी सांस से जुड़े कई तरह के रोगों से लेकर कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे है। हम ख़ुद अपने पर्यावरण का ख़्याल नहीं रख रहे हैं, यही वजह है कि धीरे-धीरे हमारी ज़िंदगी मुश्किल होती जा रही है और इसीलिए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना बहुत ही ज़रूरी हो गया है क्योकि पर्यावरण स्वच्छ होगा तभी हम स्वस्थ्य रह पायेंगे।
कार्यक्रम समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. संजय आर्य (Head of Department Dr. Sanjay Arya) ने बताया की इस वर्ष की थीम ‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते है की पृथ्वी को एक बार फिर से अच्छी अवस्था में लाना एवं उसे हरा-भरा बनाना है इसके लिए हमें स्थानीय स्तर से जमीनी प्रयास शुरू करने होंगे तभी हम इस पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित कर पाएंगे। पारिस्थितिक तंत्र की बहाली कई तरह से की जा सकती है, जैसे- शहर-गांव को हरा-भरा करना, पेड़ लगाना, जगह-जगह बगीचों को बनाना, नदियों, तालाबों और समुद्र की सफाई करना आदि। पर्यावरण से ही हम हैं, हर किसी को पर्यावरण के लिए काम करना चाहिए क्योकि मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर ही निर्भर करता है। प्रकृति को बचाने के लिए सिर्फ एक अकेला व्यक्ति काफी नहीं है, इसलिए हम सभी को साथ आना चाहिए और समय रहते एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण के लिए काम करना चाहिए क्योकि पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है, प्राणवायु से लेकर जैवविविधता औऱ अन्य जरुरी संसाधन हमे पर्यावरण से ही प्राप्त होते है इसलिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चहाइये जिससे शुद्ध वायु हमे निरन्तर मिल सके। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का हमारा मुख्य उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को पर्यावरण प्रदूषण की चिंताओं से अवगत कराना और प्रकृति और पर्यावरण को लेकर जागरूक करना है।
डॉ. कुमकुम जैन (Dr. Kumkum Jain) ने बताया की विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई। यहां दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 119 देश शामिल हुए थे। सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से वैश्विक स्तरपर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव रखी गई।
ये रहे परिणाम
पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम प्रतिभा सैनी, द्वितीय सोनाली पटैल, तृतीय आदिवा नूर। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पेरिशा पटैल, द्वितीय नोमिका यादव एवं निशा चौरे, तृतीय ऋतु मिश्रा एवं सानिया अश्वरे। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम वंशिका राय, द्वितीय अदिति पटैल, तृतीय उमा पाल। स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम संस्कृति आर्य, द्वितीय शिखा यादव एवं नैनी गोस्वामी, तृतीय महिमा चौधरी। प्रश्नमंच प्रतियोगिता में प्रथम दीपाली पटैल, द्वितीय रागिनी चौबे, तृतीय दीपिका बड़कुर एवं नीलू यादव ने प्राप्त किया।
प्रतियोगिता में प्रथम, दितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्राओ को प्रमाणपत्र ऑनलाइन प्रेषित किये जायगे साथ ही प्राचार्य एवं समस्त प्राध्यापकों द्वारा सभी विजयी छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।इस अवसर पर प्राचार्य एवं समस्त प्राध्यापकगण द्वारा पर्यावरण संतुलन हेतु महाविद्यालय में वृक्षारोपण का कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. श्रीराम निवारिया, डॉ. हरप्रीत रंधावा, मंजरी अवस्थी, पूनम साहू, डॉ. मुकेश कटकवार, डॉ. पुनीत सक्सेना, डॉ. शिखा गुप्ता, प्रियंका भट्ट, गुरुषा राठौर तथा समस्त महाविद्यालयीन स्टॉफ एवं छात्राऐं उपस्थित थीं।