पौष अमावस्या 2022 (Paush Amavasya 2022)
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष को पड़ती वाली पौष अमावस्या का हिंदू धर्म में अधिक महत्व होता है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना काफी शुभ माना जाता है। मान्यताओं कें अनुसार इस दिन धार्मिक कार्य करने से कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पौष अमावस्या स्नान शुभ मुहूर्त (Paush Amavasya bath auspicious time)
- चर-सामान्य – सुबह 07:11 बजे से 08:28 बजे तक।
- लाभ-उन्नति – सुबह 08:28 बजे से 09:45 बजे तक।
- अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त – सुबह 09:45 बजे से 11:03 बजे तक।
- गंड योग- सुबह से लेकर दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक।
पौष अमावस्या महत्व (Paush Amavasya Significance)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पौष अमावस्या सभी अमावस्या से फलदायी होती है। इस दिन पूजा पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति हेतु उपवास रखने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से कई प्रकार के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
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पौष अमावस्या पूजा विधि (Paush Amavasya worship method)
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदीं में स्नान आदि करना चाहिए।
- अगर गंगा स्नान नहीं करने जा पा रहे हैं, तो पानी में गंगा जल मिलकर भी स्नान कर सकते हैं।
- इसके बाद तांबें के लोटे से सूर्य देव को गंगा जल और लाल पुष्प चढ़ाना चाहिए।
- पौष अमावस्या के दिन पितरों और पूर्वजों की आत्माओं का तर्पण किया जाता है।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और गरीबों को दान-दक्षिणा दें।
- पीपल के पेड़ के नीचे देघी घी का दीपक जलाएं।
- इस दिन मछलियों को आटा खिलाना शुभ माना गया है।
पौष अमावस्या पर न करें ये कार्य (Do not do this work on Paush Amavasya)
- इस दिन किसी अपमान नहीं करना चाहिए।
- इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- इस दिन मदिरा और मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस दिन किसी को अपशब्द नहीं बोलने चाहिए।