वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर दी काव्यात्मक श्रद्धांजलि

Post by: Rohit Nage

Poetic tribute given to Veerangana Rani Laxmibai on her birth anniversary

इटारसी। वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर 19 नवंबर को कवि गुलाब भूमरकर के संयोजन में एक भव्य काव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन श्री प्रेमशंकर दुबे स्मृति पत्रकार भवन में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में कवियत्री वरिष्ठ हास्य व्यंग्यकार बीके पटेल उपस्थित थे। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार टीआर चोलकर ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में गजलकार राधा मैना प्रिया उपस्थित रही।

शुरुआत विद्या दायिनी मां सरस्वती एवं महारानी लक्ष्मीबाई के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण के साथ की गयी। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ संयोजक गुलाब भूमरकर ने सरस्वती वंदना के साथ किया। देर रात तक चली इस काव्य गोष्ठी में अरविंद त्रिपाठी झांसी ने ‘झांसी के नाम को कर गई रोशन रानी लक्ष्मी बाई है, बुंदेले हरबोलों ने ये बात हमें बतलाई है’ रचना सुनाकर सबका मन मोह लिया।

कवि गुलाब भूमरकर ने ‘होकर घोड़े पर सवार, चली रानी बेतवा पार’ रचना सुनाकर खूब तालियां बटोरी। वरिष्ठ हास्य व्यंग्यकार ब्रजकिशोर पटेल ने ‘आगे क्या होगा भगवान’ शीर्षक से कविता के माध्यम से बीमारी के दौरान अनुभवों की कथा प्रस्तुत की जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा। वरिष्ठ गीतकार रामकिशोर नाविक के ‘कुछ गीत तुम्हारे सिरहाने रख छोड़ के जाऊंगा’ गीत को सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे।

वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुशवाहा, शायर मदन बड़कुर तन्हाई, सतीश शमी, विनय चौरे, रूपेंद्र गौर, विकास उपाध्याय, हनीफ खान, मोहम्मद अफाक, अविनेश चंद्रवंशी, सागर भावसार, आनंद चौरे, आलोक शुक्ला अनूप, राजेश दुबे, राजेश व्यास, नर्मदा प्रसाद मालवीय, बृजमोहन सिंह सोलंकी, महेश मालवीय, सौरभ दुबे सहित अनेक रचनाकारों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति मंच के माध्यम से दी। संचालन तरुण तिवारी तरु ने एवं आभार प्रदर्शन गुलाब भूमरकर ने किया।

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