देर रात तक कवियों ने बांधा समां, श्रोताओं को किया भाव विभोर

Post by: Rohit Nage

– मुंह में जहर हाथ मे ल_ सहेजने वाले
– कहां मर गए बाबा को मठ भेजने वाले
नर्मदापुरम। मां नर्मदा (Maa narmada) के प्रसिद्ध सेठानी घाट (Sethani Ghat) पर रेवा की कल-कल धारा के साथ स्वर साधना की देश के दिग्गज मौलिक स्थापित कवियों ने नर्मदा आव्हान सेवा समिति (Narmada Aawan Sewa Samiti) व्दारा नव सवंत्सर (Nava Savantsar) गुड़ीपड़वा (Gudipadwa) के अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन (All India Kavi Sammelan)  सेठानी घाट नर्मदापुरम (होशंगाबाद) के वरिष्ठ समाजसेवा डॉ. अतुल सेठा के मुख्यातिथ्य, वरिष्ठ साहित्यकार संतोष व्यास एवं भाजपा नेता हंस राय के विशिष्ट अतिथि में संपन्न हुआ। मंच संचालक कौशल सक्सेना के संचालन और कैप्टिन करैया के संयोजन में पैरोडी किंग सुदीप भोला, लोकप्रिय हास्य का कवि दिनेश देशी घी, मधुर कंठी कवयित्री मोनिका हठीला, सोनल जैन, वीर रस के कवि विख्यात मिश्रा, ओज-हास्य कवि दिनेश याज्ञनिक और करुण रस के कवि हरीश पांडे ने शानदार काव्य पाठ किया। देश के विभिन्न अंचलों से आये 8 कवियों ने हजारों श्रोताओं को अपनी कविता गीत, गजल, ओज, हास्य, व्यंग्य की रचनाओं से भाव विभोर कर दिया। सरस्वती पूजन कर कार्यक्रम प्रारंभ हुआ अतिथियों एंव कवियों का समिति सदस्यों ने फूल मालाओं से स्वागत किया। स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजक कैप्टिन करैया ने और संचालन देवांश बैरागी किया। सरस्वती वंदना भुज कच्छ से आई मोनिका हठीला की प्रस्तुति से कवि सम्मेलन प्रारंभ हुआ।
हास्य कवि दिनेश देशी घी ने मां, महात्मा और परमात्मा इन तीनों की महीमा न्यारी है। पर इन तीनों में मां सबवे भारी है, नोयडा के सुदीप भोला ने पहिया तेरा साइकिल वाला टेडा मेढ़ा हुआ, टूटी चेन, गिरे अगेन, लेके डबल इंजन चले बाबा जी ट्रेन, बाबा का नाम छाया बाबा का नाम, लखनऊ के विख्यात मिश्रा ने सेना को करने दो, जो भी करना चाहे घाटी में। माटी से जिसको नफरत हो उसे मिला दो माटी में, प्रस्तुत की रायसेन के कौशल सक्सेना ने मुंह में जहर, हाथ में ल_ सहेजने वाले, कहां मर गए बाबा को मठ भेजने वाले। देवनगर के दिनेश याज्ञनिक, हरीश पांडे सोनल जैन भी रचनापाठ किया। संचालन देवांश बैरागी एव आभार प्रदर्शन हंस राय ने किया।

Leave a Comment

error: Content is protected !!