धोखाधड़ी से फर्जी विक्रय पत्र तैयार कर भूमि हथियाने के मामले में सजा

Post by: Rohit Nage

नर्मदापुरम। आरक्षी केन्द्र देहात जिला नर्मदापुरम के एक अपराध में प्रथम अपर सेशन न्यायाधीश जिला नर्मदापुरम (First Additional Sessions Judge District Narmadapuram) जफर इकबाल (Zafar Iqbal) के न्यायालय में निर्णय कर अभियुक्त ओमवती सांडिल्य (Omwati Sandilya) पति जसवंत सांडिल्य (Jaswant Sandilya) को 3 वर्ष, राघवेन्द्र प्रसाद जैन (Raghavendra Prasad Jain) पिता छोटेलाल जैन (Chhotalal Jain) को 3 वर्ष, तरुण पटेल (Tarun Patel) पिता संतोष पटेल (Santosh Patel) को 3 वर्ष एवं रोहित पवार (Rohit Pawar) पिता राजपालसिंह (Rajpal Singh Pawar) पवार को 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 3000-3000 रुपए अर्थदण्ड के दंड से दंडित किया गया है।

अर्थदंड अदा न होने पर तीन माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक मनोज कुमार चौरे (Additional Public Prosecutor Manoj Kumar Chaure) ने की गई । श्री चौरे ने बताया कि फरियादी किरण उपाध्याय ने थाना देहात में आवेदन पेश किया कि उसके स्वत्व स्वामित्व की कृषि खसरा नंबर 22 रकबा 0.732 हेक्टर ग्राम कुलामड़ी में स्थित है, जिसकी भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका प्रार्थिनी के नाम से जारी हुई है। 07 नवंबर 2017 को जब प्रार्थिनी अपनी भूमि की खसरा नकल निकलवाने तहसील कार्यालय गई तो उसे ज्ञात हुआ कि उपरोक्त खसरा नंबर 22 का बंटान होकर 22 / 2 रकबा एक एकड़ किसी रोहित पवार के नाम से दर्ज हो गई है।

जानकारी ली तो ज्ञात हुआ कि उपरोक्त भूमि फर्जी विक्रय पत्र के द्वारा अंतरित हुई है। विक्रय पत्र में फर्जी ऋण पुस्तिका व फर्जी विक्रेता मय फर्जी वोटर आईडी के जरिये खड़ा कर विक्रय पत्र का पंजीयन कराया है जबकि वास्तविक भूमि स्वामी कभी भी उप पंजीयक कार्यालय नहीं गई। उपरोक्त विक्रय पत्र में विक्रेता किरण उपाध्याय एक फर्जी महिला है व प्रार्थिनी किरण उपाध्याय के पति अरविंद कुमार उपाध्याय जीवित हैं जबकि विक्रय पत्र में स्व. अरविंद उपाध्याय दर्ज है व फर्जी ऋण पुस्तिका का उपयोग हुआ है, साथ ही विक्रय पत्र में भारी भरकम राशि 22,10,000.00 रुपये का नगर लेनदेन दिखाया गया है, जबकि नोटबंदी के पश्चात इतनी बड़ी राशि का नगद लेनदेन संभव नहीं है। उक्त फर्जी विक्रय पत्र निष्पादन में उप पंजीयक व अन्य भू माफिया व्यक्तियों की सांठगांठ है।

उक्त लिखित आवेदन के आधार पर अभियुक्तगणों के विरूद्ध आरक्षी केंन्द्र देहात नर्मदापुरम में अपराध पंजीबद्ध किया। प्रकरण में सुनवाई के दौरान अभियोजन की और प्रस्तुत की गई साक्ष्य के आधार पर प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों में अभियुक्त ओमवती सांडिल्य पति जसवंत सांडिल्य को 3 वर्ष, राघवेन्द्र प्रसाद जैन पिता छोटेलाल जैन को 3 वर्ष, तरूण पटेल पिता संतोष पटेल को 3 वर्ष एवं रोहित पंवार पिता राजपालसिंह पंवार को 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 3000-3000/- अर्थदंड के दंड से दंडित किया। अर्थदंड में व्यतिकम होने पर तीन माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया।

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