महिला से बलात्कार के आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास एवं अर्थदंड

Post by: Rohit Nage

20 years rigorous imprisonment to the accused who seduced and raped a minor

इटारसी। अनुसूचित जाति की महिला से उसकी इच्छा एवं सहमति के बिना दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा एवं 5000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश हितेन्द्र कुमार मिश्रा (Special Judge Hitendra Kumar Mishra) के न्यायालय में निर्णय पारित किया गया है।

आरोपी नीरज मेवाड़ा (Neeraj Mewada) और सुमेरचंद मेवाड़ा (Sumarchand Mewada) निवासी ग्राम रायपुरा, थाना मंडी, जिला सीहोर (District Sehore) को 376(2) (एन) आईपीसी 3 (1) (2) (11) & 3 (2) (1) एससीएसटी एक्त 1989 के तहत आजीवन कारावास एवं 5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर 3 माह के अतिरिक्त सजा भोगना होगा। इसमें सश्रम कारावास भुगताए जाने के आदेश दिए गए। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक विशेष न्यायालय (एट्रोसिटीज) (Additional Public Prosecutor Special Court (Atrocities)) सत्येन्द्र सिंह पटेल (Satyendra Singh Patel) ने की है। प्रकरण अनुसार महिला ने 2021 में रिपोर्ट थाना इटारसी (Police Station Itarsi) में दर्ज करायी कि आरोपी पहले उसके पड़ोस में ही किराये से रहता था और इकोम एक्सप्रेस रैसलपुर में प्रायवेट नौकरी करता था। उसी दौरान महिला की दोस्ती आरोपी से हो गई।

आरोपी नीरज महिला को बहुत अच्छे से जानता है। नीरज ने महिला से कहा कि वह उसे पसंद करता है, उससे शादी करना चाहता है। 06 जनवरी 2019 को महिला का जन्मदिन था, तब नीरज ने उसको ऑफिस इकोम एक्सप्रेस रैसलपुर (Ecom Express Raisalpur) लेकर गया और वहां उसके साथ उसकी मर्जी के बिना दुष्कर्म किया और फिर लगातार उसके साथ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करता रहा। आखिरी बार 07 अगस्त 2020 को दोपहर करीब 01 बजे आरोपी नीरज उसे इकोम एक्सप्रेस रैसलपुर लेकर गया और उसके साथ बलात्कार किया। उस दिन अनियोक्त्री ने आरोपी से पूछा कि वह उससे शादी कब करेगा तो आरोपी ने उससे शादी करने से मना कर दिया। महिला ने यह बात अपने घर में बताई तो उसके पिता ने आरोपी के घर पर बात की, तब मालूम हुआ कि आरोपी पहले से ही शादीशुदा है।

इसके बाद आरोपी इटारसी छोड़कर चला गया था और उसने अपना मोबाईल फोन बंद कर रखा था। प्रकरण में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक सत्येन्द्र सिंह पटैल ने 11 साक्षियों के कथन कराए, प्रस्तुत की गई साक्ष्य के आधार पर विशेष न्यायालय अंतर्गत धारा 14(1) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 नर्मदापुरम् विशेष न्यायाधीश हितेन्द्र कुमार मिश्रा के न्यायालय में निर्णय पारित किया जिसमें अभियुक्त नीरज मेवाड़ा आत्मज सुमेरचंद मेवाड़ा निवासी ग्राम रायपुरा थाना मंडल, जिला सीहोर को सश्रम आजीवन कारावास एवं पांच हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया। अथदंड की राशि अदा होने पर आरोपी को तीन माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त भुगताये जाने के आदेश दिए गए।

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