इटारसी। सफाई कर्मचारी संघ, समस्त बाल्मीक समाज, एससी, एसटी संयुक्त मोर्चा ने आज अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को एक ज्ञापन देकर जिला नर्मदापुरम के नगरीय निकायों में ठेका प्रथा को तत्काल समाप्त करने की मांग की है, पांच दिन में मांग नहीं मानी जाने पर अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
सफाई कर्मचारियों के नेताओं ने कहा कि जिला नर्मदापुरम में समस्त नगरीय निकायों द्वारा सफाई व्यवस्था का कार्य निजी कंपनी, एनजीओ द्वारा कराया जा रहा है, जिससे सफाई में कार्यरत वाल्मिकी समाज के कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ठेका प्रथा से सफाई कर्मचारियों के होने वाले नुकसान का शायद सरकार को अदाजा नहीं है। जिस सफाई कर्मचारी वर्ग बाल्मिकी समाज ने कोरोना काल में जान की बाजी लगाकर लोगों की मानवता के हितार्थ सेवा की और जान पर खेलकर मानव सेवा की आज इस वर्ग के साथ इस तरह का दोहरा कार्य न्याय संगत नहीं है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि दूसरे वर्गों को कुशल वेतनमान दिया जा रहा जबकि वाल्मिक कर्मचारियों को कुशल का वेतन नहीं देकर भारी भेद भाव किया जा रहा है, इसे तुरंत लागू किया जाए। हम संयुक्त अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के द्वारा शासन-प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से सरकार को इन सभी समस्याओं की जानकारी पूर्व में कई वार दे चुके हैं जिस पर आज तक कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई है। अगर इटारसी में जल्द से जल्द 7 दिवस के अंदर ठेका प्रथा समाप्त नहीं हुई एवं पांच सूत्री मांगों को नहीं माना तो इटारसी में सफाई कर्मचारी संघ एवं समस्त बाल्मीक समाज एससी, एसटी संयुक्त मोर्चा अनिश्चितकालीन आन्दोलन के लिये मजबूर होगा।
इस अवसर पर कर्मचारी नेता किशोर मैना, शिवसेना नेता सुरेश करिया, दिलीप मैना, ताराचंद राठौर, विमलेश बाबू, शंकरलाल, दीपक, केदार पथरोट, दिन्ना, झांझोट, महेश भदौरिया सहित अन्य कर्मचारी नेता मौजूद रहे।
ज्ञापन में ये मांगें भी शामिल
- 1 से 10 तारीख तक समय पर वेतन भुगतान होना चाहिए।
- रिटायर्ड कर्मचारियों के रिक्त पदों पर तुरन्त भर्ती की जाए।
- जो तीस दिवस कर्मचारियों हैं, उन्हें कुशल/अर्धकुशल का वेतन मान दिया जाए।
- वर्षों से विनियमितिकरण कर्मचारियों को स्थाई किया जाए।
- कचरा गाड़ी कर्मचारियों को कुशल का वेतनमान दिया जाए।