दो दिनी कार्यक्रम में देशभर के 21 राज्यों के वक्ताओं ने सामाजिक उत्थान पर विचार साझा किया

दो दिनी कार्यक्रम में देशभर के 21 राज्यों के वक्ताओं ने सामाजिक उत्थान पर विचार साझा किया

इटारसी। अखिल भारतीय आदिवासी कश्यप, कहार, निषाद, भोई समन्वय समिति का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम साईं कृष्णा रिसोर्ट गार्डनपुरम में हुआ। वक्ताओंं ने सामाजिक उत्थान के मुद्दों पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में देशभर के लगभग 21 राज्यों से बुद्धिजीवी स्वजातीय बंधुओं ने एक मंच से अपने विचार साझा किए।

दो दिवसीय कार्यक्रम में समाजसेवक, चिंतक, साधक, राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद, व्यापारी व उद्योगपति, विषय विशेषज्ञों ने महिलाओं के लिए विशेष स्वावलंबन अवसर बाधाएं व समाधान, युवा विशेष सत्र में युवाओं का नवीन सामाजिक ताना-बाना सुदृढ़ किस तरह हो और साथ ही प्रिंट मीडिया में सामाजिक गतिविधियों का प्रचार प्रसार कितना महत्वपूर्ण है और किस तरह किया जाए, इन सभी मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की। राष्ट्रीय संत गोपाल नंद गिरी महाराज निरंजनी अखाड़े मथुरा वाले ने कहा कि धर्म और अध्यात्म की जानकारी सभी सामाजिक बंधुओं को होनी चाहिए ताकि हम अपना इतिहास जान सकें और अपने पूर्वजों पर गर्व कर सकें।

उत्तर प्रदेश के सांसद जयप्रकाश निषाद ने अपने उद्बोधन में सभी स्वजातीय बंधुओं से आह्वान किया कि वे अपने समाज के विकास और उत्थान के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें सब मिलकर एक साथ समाज की उन्नति के लिए कार्य करेंगे तो यह समाज प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा। हरियाणा से आये संजीव कश्यप ने समाज के सभी बंधुओं के चहुंमुखी विकास, जागरूकता की बात कही। राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी ने जनजाति के रूप में मछुआरा जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में गलत तरीके से सूचीबद्ध होने के कारण उन समस्त जातियों को मांझी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने हेतु किए जा रहे प्रयासों के बारे में पूर्ण जानकारी दी तथा आश्वासन दिया कि समाज यदि इस सत्र में किए जा रहे चिंतन का प्रारूप तय कर मुख्यमंत्री से चर्चा करना चाहता है तो इस कार्य में वे सहयोग प्रदान करेंगे।

आयोजक शंकर लाल रायकवार ने आयोजन की महत्ता बतायी। कार्यक्रम में राजाराम कश्यप राष्ट्रीय समन्वयक, बाबा मार्तंड सिंह मांझी राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, गुरु चरण कश्यप राष्ट्रीय सह समन्वयक, नीरज कश्यप राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष, श्रीमती भगवती कश्यप राष्ट्रीय महिला कार्यकारी अध्यक्ष के साथनंदकिशोर रायकवार, रामदास कहार, एस के कश्यप, सुनील रायकवार, कैलाश रायकवार आदि की मुख्य भूमिका रही।

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AUTHORRohit

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