बैद्यनाथ धाम के लिए तीर्थयात्रियों का दल रवाना

बैद्यनाथ धाम के लिए तीर्थयात्रियों का दल रवाना

– इस वर्ष यात्रा में 70 यात्री शामिल हुए हैं
इटारसी। बैद्यनाथ कावड़ यात्रा (Baidyanath Kavad Yatra) आज 11 जुलाई को शुरू हुई। आज यात्रियों का जत्था महानगरी एक्सप्रेस (Mahanagari Express) से काशी के लिए रवाना हुआ। यहां विश्वनाथ (Vishwanath) के दर्शन के बाद आगे की यात्रा होगी। यह 10 दिवसीय यात्रा 20 जुलाई को संपन्न होगी।

56 साल से जारी है यात्रा

बैद्यनाथ कावड़ यात्रा पिछले 56 वर्षों से लगातार चल रही है। बोल बम के जयकारों के साथ यात्रियों द्वारा यात्रा पूरी की जाती है। कठिन यात्रा होने के बाद भी हर साल यात्री यात्रा करने के लिए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि संत अजगैबीनाथ (Sant Ajgaibinath) ने भगवान शंकर (Bhagwan Shankar) की आराधना की थी। इसके बाद भगवान शंकर ने प्रकट होकर संत अजगैबीनाथ से कहा था कि जो भी सुल्तानगंज (Sultanganj) से उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर जाएगा और मुझे अर्पित करेगा उसकी हर मनोकामना पूरी होगी।

111 किलोमीटर की है पैदल यात्रा

यात्री 111 किलोमीटर पैदल कावड़ यात्रा करते हैं। इटारसी (Itarsi) से रवाना होने के बाद पहले सभी यात्री बनारस उतरते हैं, यहां बाबा काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) के दर्शन करने के बाद ट्रेन से सुल्तानगंज बिहार (Bihar) के लिए रवाना होते हैं। यहां गंगा स्नान के बाद कावड़ लेकर पैदल यात्रा शुरू की जाती है। यहां से पैदल यात्रा शुरू होने के बाद सबसे पहला स्टॉप (Stop) असरगंज (Asarganj) यहां रात्रि विश्राम के बाद मनिया मोड़, जलेबियां, कटोरिया होते हुए झारखंड (Jharkhand) में स्थित देवघर (Deoghar) पहुंचते हैं यहां गंगाजल भगवान बैजनाथ को अर्पित कर के दर्शन करते हैं।

सब बाबा के भरोसे छोड़ते

संघ के वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा की यात्रा कठिन है लेकिन बाबा के भरोसे छोड़ देने के बाद सब सरल हो जाता है। युवा सदस्य उमंग बाबेजा बताते हैं कि हर बार यात्री पूरे उत्साह के साथ यात्रा करते हैं। संघ के यात्री न केवल यात्रा के दौरान एक दूसरे का ख्याल रखते बल्कि एक बार यात्रा करने के हमेशा भाईचारा निभाते है।

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AUTHORRohit

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