इटारसी। नेशनल हाईवे पर केसला केसला गांव में बीच सड़क पर आ रहे श्री हनुमान के प्राचीन मंदिर के विस्थापन को लेकर मंदिर समिति और ग्रामीण अफसरों और नेताओं से नाराज हैं। 25 लाख रुपये की ड्राइंग बनाकर सिर्फ 17 लाख रुपये देकर एनएचएआई ने दूसरी जगह नया मंदिर बना तो दिया लेकिन मंदिर के घटिया निर्माण और ड्राइंग के मुताबिक काम न होने पर ग्रामीण नाराज हैं।
पूर्व में पुलिस अधीक्षक डॉ. गुरकरन सिंह (Dr. Gurkaran Singh), कलेक्टर नीरज कुमार सिंह (Neeraj Kumar Singh), एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी (SDM Madan Singh Raghuvanshi) एवं अन्य अफसर लगातार मूर्ति विस्थापन कर नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन मामला शांत होते हुए नजर नहीं आ रहा है। शनिवार को मंदिर समिति एवं विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों और अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए।
श्री रामायण मंडल हनुमान धाम वेलफेयर समिति (Shri Ramayana Mandal Hanuman Dham Welfare Committee) के सचिव अश्वनी व्यास (Ashwani Vyas) ने कहा कि मंदिर की स्थापना सैकड़ों साल पुराने केसला गांव के निवासियों ने की थी, इन्हें खेडा़पति के रूप में पूजा जा रहा है। राजस्व रिकार्ड खसरा नं. 298 में यह स्थान मंदिर के रूप में दर्ज है, मंदिर आस्था का प्रतीक है, जब एनएचएआई अधिकारियों से मंदिर समिति ने बातचीत की, तब कहा गया कि पीआईयू से तैयार ड्राइंग एवं निर्माण दरों के हिसाब से ही नया मंदिर बनेगा। लेकिन बेहद घटिया मंदिर बनाया गया है, यहां ट्यूबवेल खनन तक नहीं किया गया।
कमलकिशोर वाजपेयी (Kamalkishore Vajpayee) ने कहा कि हिन्दू सनातन धार्मिक पद्धति से हिन्दू देवी देवता की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, स्थान परिवर्तन का भी विधान है। मंदिर की स्थापना जनकल्याण के भाव से होती है,अगर प्रशासन इस कार्रवाई में जबरदस्ती करता है, तो सभी को दैवीय प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है। विहिप मध्यभारत के प्रांत सह मंत्री गोपाल सोनी ( Gopal Soni) ने कहा कि नये मंदिर के निर्माण की गुणवत्ता में आर्थिक लाभ कमाने के लिए गुणवत्ता से खिलवाड़ किया है। ग्रामीणों ने शिकायत की, तब अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। ग्रामीण विकास में बाधक नहीं है, हम विस्थापन को तैयार हैं, लेकिन निर्माण में जिन लोगों ने मनमानी की, उनके खिलाफ जांच कर एफआईआर कर रुपयों की वसूली की जाए।
सोनी ने बताया कि ग्रामीणों ने घटिया निर्माण की शिकायत की, तब एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने सुनवाई से इंकार कर दिया, अधिकारी हमें दलाल कह रहे हैं। बजट के मुताबिक मंदिर मजबूत नहीं बना है, गुबंद तिरछा कर दिया है। निर्माण के बाद तराई तक नहीं की गई। हमने सांसद राव उदय प्रताप सिंह और विधायक प्रेमशंकर वर्मा से कहा। वे कहते हैं कि विकास का काम हो रहा है, इसमें सहयोग करें, लेकिन धार्मिक आस्था की चिंता नहीं है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने किसी मद से अतिरिक्त बजट दिलाने की बात कही थी, जिससे मंदिर में अन्य काम कराए जा सकें, लेकिन हम चाहते हैं कि सरकारी बजट से मंदिर निर्माण में गोलमाल करने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई की जाए।