शराब दुकान से परेशान वार्ड के लोगों की चिंता मंत्रियों तक पहुंचायी

पार्षद अमित कापरे ने सीएम सहित मंत्रियों को लिखा खत
इटारसी।
सोनासांवरी नाका क्षेत्र के स्कूल-कॉलेज के बच्चे यहां स्थित शराब दुकान पर शराबियों की धमाचौकड़ी से त्रस्त हैं। मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए बच्चों ने पत्र में कहा कि मामा जी हमारा इस सड़क से निकलना मुश्किल है।

दरअसल वार्ड 16 और 17 के बीच से गुजरने वाले इटारसी सोना सांवरी मुख्य मार्ग पर वर्षों से शराब दुकान स्थित है, जिससे वहां के रहवासी, आवागमन करने वाली आम जनता और समीप स्थित दो बड़े प्राइवेट स्कूलों की बच्चियां भी परेशान हंै। सुबह दुकान खुलते ही पूरे क्षेत्र का माहौल बिगड़ जाता है। आये दिन अपराधिक घटनाएं होती है।

इन्होंने उठाई आवाज

कांग्रेस के मुखर और नगर पालिका परिषद इटारसी के पार्षद अमित कापरे ने मदिरा दुकान हटवाने हेतु पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, वित्त मंत्री मध्य प्रदेश शासन जगदीश देवड़ा एवं प्रभारी मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह सहित 13 अलग-अलग अधिकारियों और नेताओं को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने उक्त दुकान की अनुज्ञप्ति भी संलग्न की है।

मैंने एक पीढ़ी को बर्बाद होते हुए देखा

पत्र के संदर्भ में बात करने पर श्री कापरे ने बताया कि विगत कई वर्षों से क्षेत्र की जनता दुकान हटवाने को लेकर निरंतर कह रही थी किंतु बीड़ा उठाने को कोई तैयार नहीं था। ऐसे में किसी को तो आगे आना ही था। मेरे जीवन का आधे से अधिक हिस्सा इन्हीं लोगों के बीच व्यतीत हुआ है। एक पूरी की पूरी पीढ़ी को मैंने अपनी आंखों के सामने बर्बाद होते हुए देखा है। लोगों की पीढ़ा को शासन स्तर पर पहुंचाना है।

उन्होंने बताया कि शराब दुकान के संदर्भ में पूर्व में अधिकारियों से चर्चा करने पर जानकारी प्राप्त हुई कि सोना सांवरी नाका स्थित शराब दुकान परंपरागत श्रेणी की दुकान है। आरटीआई के माध्यम से जिला आबकारी कार्यालय से दुकान की अनुज्ञप्ति प्राप्त हुई। जिसमें पाया गया कि उक्त देशी मदिरा दुकान अनुज्ञप्ति परिसर को प्रदर्शित करने वाली अनुसूची अनुसार स्थापित नहीं है। अनुज्ञप्ति के अनुसार मदिरा दुकान इटारसी सोना सांवरी मार्ग पर सोना सांवरी हेतु स्वीकृत है, किंतु संचालन इटारसी नगरीय सीमा में किया जा रहा है। चतुर्सीमा भी गलत प्रदर्शित की गई है।

श्री कापरे ने बताया कि शराब दुकान धार्मिक आस्था के केंद्रों काली मंदिर और दुर्गा मंदिर के अत्यंत नजदीक स्थित होने से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ ही मंदिर आने जाने वाले श्रद्धालुओं की परेशानी का भी कारण बनी हुई है। नियम अनुसार शासन धार्मिक स्थान उन्हीं न्यास को मानता है जो मध्य प्रदेश पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1951 के अधीन पंजीकृत हो। फिर भी इस बात से कैसे इंकार किया जा सकता है कि दोनो मंदिर वर्षों से बड़े जन समुदाय की धार्मिक आस्था का केंद्र है। साथ ही शहर के दो बड़े स्कूल और कॉलेज की सैकड़ों बच्चियां कलारी के सामने से रोज गुजरती हैं, जो इस दुकान के उपभोक्ताओं के व्यवहार से परेशान हैं।

दुकान के निकट ही वार्ड 14 का आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 31 भी स्थित है जिसमें 0 से 6 वर्ष तक के 92 बच्चे हैं जो उक्त मार्ग से आना-जाना करते हैं। साथ ही उक्त दुकान श्रमिक समूह की नियोजनकर्ता व्यंकटेश मिल के निकट भी है जो कि नियम अनुसार गलत है। कापरे ने पत्र के माध्यम से दुकान की स्थापना अनुज्ञप्ति परिसर के अनुसार ना होने के कारण नियम अनुसार एवं धार्मिक शैक्षणिक संस्थाओं के नजदीक होने के कारण मानवीय संवेदनाओं को दृष्टिगत करते हुए दुकान को अन्यत्र स्थापित करने की अपील की है। कापरे ने कहा कि उच्चाधिकारी स्तर पर सुनवाई नही होने की दशा में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।

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