इटारसी। श्री हरसंगत द्वार (Shri Harsangat Dwar) का ऐतिहासिक नगर कीर्तन निकला। इस दौरान सारे पुरुष महिला और बच्चे अनुशासित थे। यहां तक की पानी एवं पेय पदार्थ की खाली बोतले भी एकत्र करने के लिए सेवक चल रहे थे एवं कीर्तन के पीछे नगर पालिका (Municipality) के चल रहे कचरा वाहन में अनुपयोगी वस्तु डाली जा रही थी।
नगर कीर्तन में अनुशासन ऐसा था कि सभी पंक्तिबद्ध चल रहे थे एवं कहीं पर भी ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) नहीं हुआ। प्रतिवर्ष सोहंग बाबा शेर सिंह विष्णु भगवान (Sohang Baba Sher Singh Vishnu Bhagwan) के हरि संगत द्वारा से नगर कीर्तन निकलता है जो शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ वापस हर संगत द्वार जाता है। नगर कीर्तन में पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana), उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) एवं मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) से हर संगत द्वारा के अनुयाई आते हैं। पूरे नगर कीर्तन में महिला पुरुष और बच्चे सफेद वस्त्र और सफेद पगड़ी धारण किए हुए थे।
इस नगर कीर्तन ने नागरिकों को प्रेरणा दी है कि ट्रैफिक भी जाम न हो, सड़कों पर कचरा भी ना हो और अनुशासित तरीके से कार्यक्रम हो। बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि यहां जो ग्रंथ है, उसके ग्रंथ नंबर 23 की लेखनी में प्रभु श्री राम (Prabhu Shri Ram) के इटारसी (Itarsi) आगमन की जानकारी है, जो उसे समय के लिखारी जी ने लिखी थी।