नर्मदापुरम। श्री रामलीला महोत्सव (Shri Ramlila Mahotsav) में दशरथ मरण (Dasharatha death) का मार्मिक मंचन और केवट संवाद (Kevat dialogue) की लीला का मंचन किया। प्रभु श्रीराम (Shri Ram), लक्ष्मण (Laxman) और सीताजी (Sitaji) से वनवास के मार्ग में कोल भीलों के प्रमुख निषाद राज (Nishad Raj) से भेंट होती है, वे उन्हें वन गमन पथ से गंगा जी के तट पर ले आते हैं, जहां केवट उन्हें नाव में बैठाकर गंगा पार करवाते हैं।
यहां अयोध्या (Ayodhya)में श्रीराम के वियोग में राजा दशरथ प्राण त्याग देते हैं। गुरु वशिष्ठ जी के ननिहाल से भरत (Bharat) और शत्रुघ्न (Shatrughan) को बुलवाकर उनकी अंत्येष्टि करवाते हैं तथा राज समाज को बुलवाकर उचित शिक्षा देते हैं। आज की लीला में प्रधुम्न दुबे ने श्रीराम, अक्षय मिश्रा ने लक्ष्मण, समर्थ तिवारी ने भरत, आराध्य गार्गव ने शत्रुघ्न, मनोज परसाई ने निषाद, दीपेश व्यास ने केवट, प्रेम मांगरोल ने कैकयी और पुनीत पाठक ने सुमन्त की भूमिका अदा की।