हमें क्या सुनना है, स्वतंत्रता के गीत या एंबुलेंस के सायरन

Post by: Poonam Soni

इटारसी। कोविड की दूसरी लहर के बाद निर्णायक मोड़ पर हम आ खड़े हैं। इससे एक तेज राह तो शत प्रतिशत वैक्सीनेशन (Vaccination) के साथ मास्क तथा कोविड अनुकूल व्यवहार को गंभीरता से अपनाने की है, तो दूसरा सुस्त रास्ता लापरवाही और अफवाह के साथ कोविड को हल्के में लेकर तीसरी लहर को आमंत्रित करने का। यह संदेश केसला के विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर ने कोविड जागरूकता प्रदर्शनी में आम लोगों को दिया।
नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव (Commissioner Rajnish Srivastava) ने दूरभाष पर इस प्रदर्शनी के आयोजन पर शुभकामनायें देकर कहा कि कोविड से बचाव के लिये अभी जागरूकता को जारी रखना होगा। जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम (District Panchayat CEO Manoj Sariam) के निर्देशन में आयोजित इस प्रदर्शनी में दो रास्ते बनाये जिसमें टै्रफिक संकेतक की तरह हैल्थ संकेतक लगे थे। मोड़ के एक ओर प्रगति नगर में जाने की तेज राह थी तो दूसरा रास्ता तीसरी लहर ग्राम में ले जाने का संकेत दे रहा था। यहां एक वायरस का चलित मॉडल घूम-घूमकर अपना शिकार तलाश कर रहा था।
प्रदर्र्शनी में आदित्य पाराशर ने बताया कि अप्रैल और मई की स्थिति के 30 दिन बाद ही समाज त्रासदी को भूला सा नजर आ रहा है। वैक्सीन लगवाने को वह वायरस की विदाई समझ रहा है। जबकि वायरस अभी चारों और अपना रूप बदल कर लापरवाह लोगों को अपना शिकार बनाने की तैयारी में लगा है। एमएस नरवरिया ने कहा कि दक्षिण भारत में बढ़ते केस हमें सचेत कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने अगस्त के दूसरे सप्ताह में संक्रमण बढऩे की चेतावनी दी है। प्रदर्शनी में कैलाश पटैल ने मॉडल का संयोजन किया। वरूण ने किशोरों में वैक्सीनेशन की आवश्यकता बताई। श्री पाराशर ने सचेत किया कि अब यह हमारे ऊपर है कि अगस्त माह में हम स्वतंत्रता का झंडा फहरा कर देशभक्ति गीत सुनना चाहेंगे या फिर एक बार एम्बुलेंस के सायरन।

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