इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय में विश्व कैंसर दिवस पर एक ऑनलाइन कार्यशाला में बताया गया कि जीवनशैली में बदलाव ही कैंसर से बचाव है। प्रभारी प्राचार्य एवं समन्वयक डॉ.हरप्रीत रंधावा ने बताया कि डब्यूएचओ की रिपोर्ट में कैंसर विश्व में मृत्यु का दूसरा मुख्य कारण है। हमारे देश में कैंसर मृत्यु के मुख्य कारणों में चौथे स्थान पर है। इस वर्ष की थीम आईएम, आईविल मैं हूं और रहूंगी का मतलब है कि कैंसर पीडि़त व्यक्ति अपनी इच्छाशक्ति के जरिए इस जानलेवा बीमारी से जीत सकता है।
विषय विशेषज्ञ डॉ. शीतल दयाल ने अपने संबोधन में कैंसर रोग एवं उसके बचाव के उपाय बताये। उन्होंने कैंसर के बचाव के लिए जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया एवं बचाव के लिए जीवनशैली में परिवर्तन और कैंसर का जल्दी पता लगाने स्क्रीन परीक्षण का ही उपाय बताया। डॉ. दयाल ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस वैक्सीनेशन का टीका 9 वर्ष से 15 वर्ष की बच्चियों को लगाने की आवश्यकता है और बताया कि यह टीका 30 वर्ष तक की अविवाहिता महिलाएं भी लगाकर सर्वाइकल कैंसर से अपना बचाव कर सकती है।
संयोजक डॉ. संजय आर्य ने बताया कि विश्व को कैंसर मुक्त करने कदम बढ़ायें और खुद तथा अपने सगे संबंधी को तंबाकू, सिगरेट, शराब आदि से दूर रहने की सलाह दें।
इस कार्यशाला में सनिया सिद्धीकी, शुभांगी जैसवाल, अदिबा नूर, आयुषी यादव, खुशी लालवानी, हर्षिता पथौरिया, रक्षा साहू, नमिता यादव, रिया राठौर, हनी चौरे आदि छात्राओं ने कैंसर के खतरों के विषय में लोगों को जागरूक करने और उसके लक्षण ओर बचाव के बारे में गूगल मीट से जानकारी दी। मंजरी अवस्थी, रविन्द्र कुमार चौरसिया, डॉ. मुकेश चन्द्र विष्ट, स्नेहांशु सिंह, डॉ.शिरीष परसाई, डॉ. शिखा गुप्ता, हेमंत गोहिया, डॉ. पुनीत सक्सेना, तरुणा तिवारी, सरिता मेहरा एवं छात्राएं उपस्थित थी।