न्याय के देवता शनिदेव की पूजा, महिलाओं ने किया वट सावित्री व्रत

Post by: Rohit Nage

इटारसी। आज न्याय के देवता शनिदेव (Shanidev) की जयंती भक्त श्रद्धा से मना रहे हैं। शनि मंदिरों में आज सुबह से ही पूजन-पाठ चल रहा है। श्रद्धालु मंदिरों में बड़ी संख्या में पहुंचकर शनिदेव को तेल, तिल और लोहे की वस्तु चढ़ा रहे हैं।

शनि मंदिरों में पूजन पाठ

शनिदेव की कृपा पाने के लिए आज शनि जयंती (Shani Jayanti) के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त शनि मंदिरों में पहुंचे। यह सिलसिला देर रात तक चलेगा। सुबह से पहुंचे भक्तों ने विधिनुसार उनकी पूजा की। भगवान शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक कर काले तिल, उड़द की दाल, नीले फूल और नीले वस्त्र अर्पित किये, तेल का दीपक जलाया और। पूजा करते हुए ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप किया। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि जयंती मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन इनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शनिदेव की कृपा पाने के लिए यह तिथि बेहद ही शुभ मानी जाती है।

वट सावित्री व्रत

ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत रखा जाता है। बता दें वट सावित्री का उपवास ज्येष्ठ मास की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन उपवास करने से अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है। यह उपवास पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। इस दौरान कुछ महिलाएं निर्जला व्रत भी रखती है और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। वट सावित्री व्रत आज किया और वटवृक्ष की पूजा करके उसके इर्दगिर्द घूमकर धागा बांधकर मन्नतें कीं। महिलाएं बड़ी संख्या में सुबह ही स्नान करके लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण कर पूजन सामग्री लेकर वट वृक्ष के नीचे सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा स्थापित कर पूजन करने पहुंच गयी थीं। श्री बूढ़ी माता मंदिर मालवीयगंज (Shri Budhi Mata Temple Malviyaganj), पुरानी इटारसी ( Old Itarsi) के शनि मंदिर और अन्य स्थानों पर जहां वटवृक्ष हैं, महिलाएं पूजन करने पहुंचीं। इस दौरान बरगद के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित किया। वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत या कलावा लपेटा गया।

Leave a Comment

error: Content is protected !!