इटारसी। वन विभाग की स्ट्राइकर फोर्स के साथ एसडीओ एसके अवस्थी, सुखतवा रेंजर अंशु सोनी, इटारसी रेंजर नवल सिंह चौहान सहित वन अमले ने नेशनल हाईवे पर ग्राम सहेली स्थित जोधपुर ढाबे पर अवैध सागौन से भरा एक ट्रक, वन माफियाओं की एक बुलेरो जीप सहित सांभर के सींग भी जब्त किये हैं। वन माफिया अवैध सागौन से भरे ट्रक के आगे बुलेरो से चल रहे थे, और वन अमले को देखकर वाहन छोड़कर भागे। वन अमले ने ट्रक चालक और कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। अवैध सागौन की यह खेप राजस्थान ले जायी जा रही थी। अंतर्राज्यीय गिरोह में हरदा के लकड़ी माफियाओं का हाथ बताया जा रहा है।
रविवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 69 पर सहेली ढाबा के समीप सागौन की लकडिय़ों से भरा एक ट्रक वन विभाग ने जब्त कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उसके आगे चल रही बुलेरो जीप में सवार वन माफिया कार्रवाई देख जीप छोड़कर भाग खड़े हुए। वन विभाग के अनुसार सागौन की कीमत लगभग बीस लाख रूपए बताई जा रही है। वहीं माफियाओं के तार अंतर्राज्यीय गिरोह से जुड़े होने की संभावना बतायी जा रही है।
आज मुखबिर की सूचना पर डीएफओ अजय पांडे के निर्देश पर वन परिक्षेत्र अधिकारी इटारसी नवल सिंह चौहान एवं उनकी टीम ने सहेली स्थित जोधपुर ढाबा के पास घेराबंदी करके बैतूल तरफ से आ रहे ट्रक क्रमांक आरजे 19 जीबी 3688 को रोका। ट्रक में सागौन की लकड़ी भरी थी। जांच की गई तो उसमें रखी करीब 18 घनमीटर सागौन अवैध थी। ट्रक के आगे सागौन माफियाओं की बुलेरो कार भी चल रही थी। वन अमला बुलेरो को पकडऩे पहुंचे तो आरोपियों ने ग्यारह मुखी हनुमान मंदिर के समीप बुलेरो खड़ी कर जंगल की ओर भाग गए, जिन्हें नहीं पकड़ा जा सका। वन अमले ने ट्रक चालक रामप्रसाद पिता बालाराम और क्लीनर को पकड़ लिया है। आरोपियों से पूछताछ पर खुलासा हुआ कि वह बैतूल के समीप जंगल से सागौन काटकर राजस्थान के जोधपुर ले जा रहे थे। सागौन की तस्करी करने वाले मुख्य आरोपी हरदा के कांकरिया निवासी शंकर विश्नोई और गोकुल बताई जा रहे हैं। फिलहाल वह वन विभाग को चकमा देकर भाग खड़े हुए। जिनकी तलाश में वन विभाग की टीम जोर शोर से जुट गई है।
अंतर्राज्यीय गिराह का काम
रेंजर नवल सिंह चौहान के अनुसार आरोपियों के तार अंतर्राज्यीय गिरोह से जुड़े हुए हैं, जो बैतूल एवं मुलताई के समीप जंगलों से सागौन की कटाई कर गठानों को विभिन्न राज्यों तक पहुंचाते थे। ये लोग पकड़े गये ट्रक में सागौन भरकर जोधपुर ले जा रहे थे। आश्चर्य इस बात का है कि ये लोग मप्र से राजस्थान तक सागौन पहुंचा रहे थे, बैतूल से यहां तक रास्ते में कई नाके एवं थाने पड़ते हैं, बावजूद इसके यह लोग वहां से निकल आये। इससे लगता है कि यह कार्य लंबे समय से मिलीभगत से चल रहा था। सागौन तस्कर आसानी से कटाई कर रहे थे। लेकिन स्थानीय टीम को कोई भनक नहीं हुई।
गोकुल और शंकर हैं शातिर
अंतर्राज्यीय गिरोह के सदस्य गोकुल और शंकर शातिर चोर हैं, जो लंबे समय से यह काम कर रहे हैं। ये लोग पहली बार सामने नहीं आए हैं बल्कि पहले भी अवैध सागौर कटाई में पकड़े जा चुके हैं। वन विभाग की पकड़ में आए सागौन माफिया दूर-दूर तक सागौन की तस्करी करने में पीछे नहीं हंै। बताया जाता है कि मुख्य आरोपी गोकुल और शंकर पूर्व में खालवा में पकड़े जा चुके हैं, इस बार भी वे भले ही जंगल में भाग गये हैं, विभाग की टीम उनकी तलाश में निकल गयी है, उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द ही हाथ आ जाएंगे।
शिकार की आशंका सांभर का मिला सींग
वन विभाग की टीम ने बिना नंबर की बुलेरो जब्त कर उसकी तलाशी ली तो उसमें सागौन के तीन गुल्ले और सांभर का सींग मिला है। सांभर का सींग मिलने के कारण यह संभावना भी जताई जा रही है कि वह जंगल में सागौन की कटाई के साथ सांभर का शिकार भी किया गया है। यही वजह है कि उनकी कार में सांभर का सींग बरामद हुआ है।
इनका कहना है…!
केसला के सहेली स्थित जोधपुर ढाबा के पास अवैध सागौन से भरा एक ट्रक पकड़ा है। इसमें करीब बीस लाख की सागौन थी। इसी के साथ एक बुलेरो भी जब्त की गई है। आरोपियों के संबंध अंतर्राज्यीय गिरोह से होने की संभावना है। ट्रक ड्राइवर और क्लीनर को पकड़ा है। बुलेरो में सवार मु,य आरोपी वाहन छोड़कर भागने में कामयाब हुए हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
अजय पांडे, डीएफओ वन विभाग