इटारसी। बिमान बसु, एक ऐसे सरस्वती पुत्र का नाम है, जिन्हें इस वर्ष शिक्षक दिवस के मौके पर 5 सितंबर को जिले की प्रतिष्ठित संस्था विपिन जोशी स्मारक समिति सरस्वती पुत्र सम्मान से सम्मानित करेगी। श्री बसु के नाम विज्ञान, लेखन के क्षेत्र में कई ख्यात उपलब्धियां दर्ज हैं।
कोलकाता में जन्मे 74 वर्षीय बिमान बसु आज देश में विद्यार्थियों के बीच विज्ञान शिक्षा को सरल भाषा में सामने लाने के विज्ञान अध्यापक, लेखक एवं संपादक के रूप में जाना माना नाम है। स्वतंत्रता के पूर्व 6 जून 1945 में जन्मे बिमान बसु दिल्ली विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में मास्टर डिग्री के बाद 1967-1979 तक दिल्ली के हंसराज कॉलेज में विज्ञान के लेक्चरर रहे। इसके साथ ही 1970 से कौंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्टियल रिसर्च नईदिल्ली में सहायक संपादक रहे। 1977 में आकाशवाणी में विज्ञान संपादक के रूप में अपनी सेवायें दीं। इसके बाद साइंस रिपोर्टर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन के संपादक रहे। अब तक बिमान बसु की 43 से अधिक विज्ञान पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके साथ ही अनेक पत्रिकाओं का संपादन किया। उनके 1500 से अधिक लेख देश के प्रमुख अखबारों एवं विज्ञान पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। रेडियो धारावाहिक की 140 से अधिक कडिय़ों का स्क्रिप्ट लेखन तथा दूरदर्शन पर 30 से अधिक विज्ञान एपिसोड का लेखन उन्होंने किया है।
1988 से 1992 तक इंडियन साइंस राईटर्स एसोसियेशन के सक्रेटरी, इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसियेशन के लाइफ मेम्बर,नेशनल जियोग्राफिक सोसायटी के मेम्बर,प्लेनेटरी सोसायटी के मेम्बर हैं। बिमान बसु देश के लाखों बच्चों के साथ अलग-अलग कार्यक्रमों के दौरान सीधी बात कर विज्ञान को सरल रूप में समझाने का कार्य भी करते रहे हैं। उनको अनेक सम्मानों के साथ ही प्रमुख रूप से 1990 में किशोर ज्ञानविज्ञान सम्मान और 1994 में भारत सरकार का नेशनल अवार्ड फार बेस्ट साइंस एंड टेक्नीकल कवरेज इन मास मीडिया प्राप्त हो चुका है।