इटारसी। क्रिसमस पर जब सरकारी कार्यालयों में अवकाश था, आंगनवाड़ी खुली रहीं। दरअसल, आंगनवाड़ी के लिए अवकाश नहीं था। परियोजना अधिकारी योगेश घाघरे के अनुसार आंगनवाड़ी में कोई अवकाश नहीं था। हालांकि सुबह कई आंगनवाड़ी केन्द्र बंद थे, जिनमें से वार्ड 3-4 की चार आंगनवाड़ी और चार मिनी आंगनवाड़ी नहीं खुली थीं, क्योंकि इनके कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने अवकाश मान लिया था। सुबह जब कीर्ति स्वसहायता समूह की ओर से खाना पहुंचा तो इनमें ताला मिला। समूह के कार्यकर्ताओं ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को घर से बुला-बुलाकर ताला खुलवाया और खाना वितरित किया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रमिला द्विवेदी का कहना है कि आज अवकाश था, जब खाना आया तो हमें मजबूरी में आंगनवाड़ी केन्द्र खोलना पड़ा। कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के घर ही समूह के लोगों ने खाना रखकर चले गए।
बताया जाता है कि विभाग ने सोमवार की सुबह सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मैसेज भेजकर न केवल आंगनवाड़ी खोलने के निर्देश दिए थे, बल्कि निरीक्षण के दौरान बंद पाई जाने वाली आंगनवाडिय़ों की कार्यकर्ताओं का वेतन काटने की चेतावनी दी थी। इस दौरान विभाग के कार्यालय बंद रहे। विभाग के निर्देश के चलते मसीह समाज की कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपना त्योहार ही नहीं मना सकीं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय त्रिपाठी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वर्ष में 52 रविवार को छोड़कर आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए 13 अवकाश घोषित हैं। जिसमें महाशिवरात्रि, होली, रंगपंचमी, गुड़ीपड़वा, रामनवमी, बुद्ध पूर्णिमा, ईजुल फितर, रक्षाबंधन, हरितालिका तीज का दूसरा दिन, ईदुल जुहा, दशहरा, दीपावली एवं दीपावली का दूसरा दिन भाईदूज शामिल हैं।