खबर अपडेट : एक दर्जन से अधिक ट्रेन रद्द, आधा दर्जन के रूट बदले

Post by: Manju Thakur

इटारसी। जबलपुर-इटारसी रेलखंड पर सोनतलाई और बागरातवा रेलवे स्टेशन के बीच मार्ग दोहरीकरण कार्य के चलते मंगलवार को करीब एक दर्जन से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और लगभग आधा दर्जन ट्रेनों के रूट बदले गये। इसी तरह इस कार्य का प्रभाव रेलों के समय पर भी पड़ा। करीब आधा दर्जन ट्रेनों को यहां दस मिनट से साढ़े चार घंटे तक रोककर चलाया गया।
रेल दोहरीकरण कार्य के चलते जहां कई ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोककर चलाया तो कुछ ट्रेनों को आउटर पर रोका गया जिससे यात्री घंटों परेशान रहे। अमरावती जबलपुर एक्सप्रेस के यात्रियों को तो करीब साढ़े सात घंटे नागपुर आउटर पर अंधेरे में ट्रेन के भीतर गुजारना पड़ा और वे इस सुनसान क्षेत्र में ट्रेन के भीतर सहमे से बैठे रहे। रात ढाई बजे से सुबह पौने सात बजे तक इन यात्रियों की सांसें मानो थमी रहीं।

ब्लाक बढऩे से बनी परेशानी
इटारसी-जबलपुर रेलखंड पर सोनतलाई और बागरातवा रेलवे स्टेशनों के मध्य रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य चल रहा है। इंटरलॉकिंग कार्य के चलते यहां काम के लिए रेलवे से 16 एवं 17 फरवरी को दो दिन का ब्लाक लिया था जिससे अनेक ट्रेनों के या तो रूट बदले गये थे, या फिर उनको रद्द किया था। 17 की शाम को रेल जनसंपर्क अधिकारी ने जानकारी दी कि एक दिन का ब्लाक 18 फरवरी के लिए बढ़ाया गया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या दूसरे डिवीजनों को यह खबर नहीं थी। यदि थी तो अमरावती से आने वाली ट्रेन को वहां से अन्य रूट से जबलपुर क्यों नहीं भेजा गया? यात्रियों को होने वाली परेशानी के लिए रेलवे ने जिम्मेदारी भरा कदम क्यों नहीं उठाया।

न खाना मिला, ना पानी
अमरावती-जबलपुर एक्सप्रेस को रेलवे ने आधी रात आउटर पर खड़े रखा। ट्रेन को असुरक्षित स्थान पर रोके रखने से न केवल यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया बल्कि यात्रियों को आउटर पर न तो पीने का पानी नसीब हुआ और ना ही खाना या चाय मिली। रात ढाई बजे से लेकर सुबह पौने सात बजे तक ट्रेन नागपुर आउटर पर खड़ी रही और ठंड के मौसम में बीमार यात्री, उनके परिजन, बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं परेशान होते रहे। स्थानीय रेल प्रबंधन ने प्लेटफार्म खाली नहीं होने की मजबूरी बता दी। सवाल यह है कि रात ढाई बजे से प्लेटफार्म खाली नहीं हुए थे, क्या? सुबह भी सात से लेकर 10:35 बजे तक ट्रेन प्लेटफार्म क्रमांक 4 पर खड़ी रही। यात्रियों में आधी रात अंधेरे में सुनसान क्षेत्र में ट्रेन खड़ी रखने का गुस्सा था। क्योंकि ट्रेन में सवार टीटीई या अन्य कोई भी यात्रियों को कारण बता नहीं पा रहा था।

स्टेशन पर और भी लाइन होगी
एक सवाल यह भी उठता है कि यात्री ट्रेन को रेलवे स्टेशन पर लाकर अन्य रेल लाइन पर भी रोका जा सकता था। स्थानीय अधिकारियों ने यात्रियों से भरी ट्रेन को आउटर पर चार घंटे से अधिक अंधेरे में आउटर पर असुरक्षित स्थान पर क्यों रोके रखा जहां यात्रियों को खाना, पानी और चाय तक नसीब नहीं हो सकती है। रेलवे के अधिकारियों को इस बात का भी ख्याल नहीं रहा कि नागपुर आउटर पर इससे पहले कितनी ही लूटपाट, मारपीट और अन्य घटनाएं हुई हैं। पुरानी घटनाओं के कारण वहां ट्रेनों को अधिक देर तक रोके रखने की ऐसी क्या मजबूरी थी। ट्रेन को स्टेशन पर लाकर अन्य लाइन पर खड़े किया जा सकता था। आखिर, सुबह भी तो साढ़े तीन घंटे ट्रेन को यहां रोके रखा था।

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महिला बच्चे रहे परेशान
हम अमरावती से जबलपुर जा रहे हैं। रात को ढाई बजे से ट्रेन को आउटर पर रोके रखा था। सुबह 7 बजे यहां प्लेटफार्म पर ट्रेन को लाया गया और यहां भी हम सुबह साढ़े दस बजे तक परेशान होते रहे। कोई बताने को तैयार नहीं है कि ट्रेन कब रवाना होगी।
मुरारीलाल यादव, यात्री जबलपुर

हम जॉब करते हैं, अमराती से लौट रहे हैं। हमारी कल तक छुट्टी थी, आज हमको जाकर ज्वाइन करना था। सुबह के साढ़े दस यहीं बज गये हैं, अब हमको अपने आफिस में फोन करके बताना पड़ेगा और छुट्टी बढ़ानी पड़ेगी।
श्रीमती किरण यादव, यात्री जबलपुर

नरसिंहपुर जा रहे हैं, तीन घंटे से इंतजार कर रहे हैं कि ट्रेन यहां से रवाना हो। इंतजार करते-करते परेशान हो गये हैं। रेलवे का रवैया गैर जिम्मेदाराना है। कोई भी सही जानकारी नहीं दे रहा है। बच्चे परेशान हो रहे हैं।
नरेश कुमार, यात्री नरसिंहपुर

रात 11 बजे से ट्रेन में बैठे हैं। पांढुर्ना से चले हैं, दो वर्ष का बच्चा साथ है। इटारसी आने से पहले रात ढाई बजे से ट्रेन अंधेरे में खड़ी रही। न तो वहां पानी था और ना ही चाय मिली। बच्चे के साथ परेशान होते रहे। यहां भी तीन घंटे से ट्रेन रुकी है।
संगीता, दिनेश पडग़ाने, यात्री पांढुर्ना

 
ये ट्रेन भी रहीं प्रभावित
22103 लोकमान्य तिलक-फैजाबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस सुबह 6:25 बजे इटारसी के प्लेटफार्म क्रमांक 6 पर आयी और उसे सुबह लगभग 10 बजे यहां से रवाना किया गया। यह ट्रेन लगभग साढ़े तीन घंटे प्लेटफार्म पर रोके रखी गयी। इसी तरह से 2293 बैंगलोर-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस यहां सुबह 8:35 आयी और 9:35 को रवाना किया। यह ट्रेन भी करीब 45 मिनट देरी से रवाना हुई। 2159 नागपुर-जबलपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस जो यहां सुबह 7 बजे आ गयी थी, उसे 10-35 बजे रवाना किया गया। इटारसी से पहले श्रीधाम एक्सप्रेस पवारखेड़ा में करीब चार घंटे खड़ी रही। उसे भी सुबह इटारसी प्लेफार्म पर लिया गया। 12191 हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस दस मिनट रोककर रवाना की गई। इसी तरह से 12322 कोलकाता मेल 1 घंटे 10 मिनट रोककर चलायी गयी।

ये ट्रेनें की गईं डायवर्ट
22192 जबलपुर-इंदौर, 12141 पाटलीपुत्र एक्सप्रेस, 12167 मुंबई एलटीटी-मांडूडीह एक्सप्रेस, 22971 बांद्रा-पटना एक्सप्रेस, 16793 रामेश्वरम से फैजाबाद श्रद्धासेतु एक्सप्रेस और 22191 इंदौर-जबलपुर एक्सप्रेस।

ये ट्रेनें रहीं रद्द
51672 कटनी-इटारसी पैसेंजर, 51671 इटारसी-कटनी पैसेंजर, 22187 हबीबगंज-आधारताल और 22188 आधारताल-जबलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस, 12061 हबीबगंज-जबलपुर और 12061 जबलपुर-हबीबगंज जन शताब्दी एक्सप्रेस, 11273/11274 कटनी-इटारसी-कटनी पैसेंजर, 11272/11271 भोपाल-इटारसी-भोपाल विंध्याचल एक्सप्रेस, 51189/51190 इटारसी-इलाहाबाद छिवकी-इटारसी पैसेंजर, 51187/51188 भुसावल-कटनी-भुसावल एक्सप्रेस।
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ट्रैक मशीन हुई डीरेल
इटारसी-जबलपुर रेलखंड के सोनतलाई स्टेशन के पास रेल दोहरीकरण कार्य में लगी चार पहिया ट्रैक मशीन मंगलवार को सुबह करीब 9 बजे अचानक डीरेल हो गयी थी। हालांकि एई एचएन सिंह के नेतृत्व एवं वरिष्ठ खंड इंजीनियर बीएच कुरसंगे के पर्यवेक्षण में यांत्रिक विभाग के कर्मचारियों ने हाईड्रोलिक रीरेलिंग उपकरण की मदद से महज दस मिनट में ही रीरेल कर दिया।

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