ढाई दशक की कानूनी लड़ाई के बाद मिली ट्रस्ट को दुकान

Post by: Manju Thakur

इटारसी। कोर्ट में ढाई दशक की लड़ाई के बाद अंतत: उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय के आदेश पर गांधी सभा भवन ट्रस्ट की एक दुकान को कब्जा मुक्त कर ट्रस्ट के सुपुर्द करने की कवायद प्रारंभ हो गयी। बुधवार को मचकुरी के साथ आयी न्यायालय की टीम ने इस दुकान को वर्तमान में इसमें काबिज दुकानदार को हटाकर खाली कराया है।
जयस्तंभ चौक के पास स्थित गांधीसभा भवन ट्रस्ट की एक दुकान क्रमांक 3 को मप्र उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में जिला अपर सत्र न्यायालय के निर्देश पर जिला नाजिर की टीम ने अवैध कब्जाधारी से खाली कराया। यह कब्जा गत 25 वर्षों से था। इसमें न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा था। बुधवार को अपराह्न 4 बजे उस वक्त काफी गहमा गहमी का माहौल बन गया जब जिला सत्र न्यायालय द्वितीय विजय कुमार पाठक प्रथम श्रेणी न्यायाधीश का लिखित आदेश लेकर जिला नाजिर जेनेन्द्र मर्सकोले, नायब नाजिर राकेश शर्मा, मप्र न्यायालयीन पुलिस एवं स्थानीय पुलिस के साथ भारी पुलिस बल पहुंचा था। अचानक मेघदूत मोबाइल नामक दुकान पर पहुंची इस टीम ने खाली कराने की कार्यवाही प्रारंभ करायी। यह दुकान गांधी सभा भवन के ट्रस्ट की है जिसके अध्यक्ष पूर्व विधायक हरिप्रसाद चतुर्वेदी के पुत्र एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरविंद चतुर्वेदी हैं। ट्रस्ट की यह दुकान नवमी लाइन इटारसी निवासी श्यामलेंदु बनर्जी को किराये से दी थी। उन्होंने बाद में यह दुकान सुनील तिवारी एवं उनके पुत्र को किराये से दे दी और तभी से इसे खाली कराने की कार्यवाही चल रही थी। कोर्ट में इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई थी। दुकान खाली कराने आए जिला नाजिर जेनेन्द्र मर्सकाले ने बताया कि 25 वर्षों से इस दुकान पर अवैध कब्जा बना हुआ था, जो आज हट रहा है।
बता दें कि उक्त दुकान से कब्जा हटाने के लिए गांधी सभा भवन ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी एसपीएस यादव ने न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने इसके लिए कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी। लेकिन कुछ माह पूर्व ही ट्रस्टी पद से इस्तीफा दे दिया था। अत: आज दुकान खाली कराने के वक्त वे नहीं थे। उनके स्थान पर वर्तमान में अधिवक्ता राजेश शर्मा ट्रस्ट के सचिव की हैसियत से मौजूद थे। श्री शर्मा ने बताया कि सुनील तिवारी एवं उनके पुत्र का दुकान पर कब्जा था। ट्रस्ट के एक और सदस्य सुभाष शर्मा ने कहा कि इस प्रक्रिया में भले ही 25 वर्ष का लंबा समय लग गया लेकिन जीत न्याय की ही हुई है। इस दुकान में वर्तमान में काबिज होकर मोबाइल का कारोबार कर रहे विक्रांत सोलंकी ने कहा कि वे गत दो वर्षों से इसमें अपना कारोबार कर रहे हैं। आज अचानक उनसे यह दुकान खाली करायी गई है। जयस्तंभ चौक की इस दुकान से जब अवैध कब्जा हटाया जा रहा था जब तमाशबीनों की भारी भीड़ के साथ ही ट्रस्ट के अध्यक्ष अरविंद चतुर्वेदी के भाई राकेश चतुर्वेदी भी यहां मौजूद थे। उनसे मिलने अनेक कांग्रेसी भी पहुंचे थे।

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