दुष्कर्म के आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

Post by: Manju Thakur

Bachpan AHPS Itarsi

इटारसी। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती प्रीति सिंह की अदालत ने आरोपी मनोज चौधरी पिता द्वारका प्रसाद उम्र 24 वर्ष, निवासी ग्राम नयाखेड़ा पथरोटा, तहसील इटारसी को भारतीय दंड विधान की धारा 376 (2) एन में दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। धारा 506 भाग 2 भारतीय दंड विधान में 2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। दोनों धाराओं में अर्थदंड नहीं चुकाए जाने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास एवं 4 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास आरोपी को और भुगतना होगा
अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला के अनुसार घटना 19 अगस्त 2017 की है जब सुबह 11 बजे पीडि़ता अपने घर से कॉलेज के लिए निकली थी। रात तक जब वापस घर नहीं आई तो उसके कॉलेज इटारसी में परिजनों ने जाकर पता किया, तब मालूम हुआ कि वह कालेज पहुंची ही नहीं थी। रिश्तेदारों से संपर्क किया परंतु उसका कहीं कोई पता नहीं चला। थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोपी मनोज चौधरी के इंदौर से भागने पर शक होने पर उसके बाद 18 सितंबर 17 को पीडि़ता ने अपने माता-पिता सहित थाना पथरोटा में उपस्थित होकर लिखित आवेदन पेश किया था। उसमें लिखा था कि कालेज जाने के रास्ते में आरोपी ने उसे रोककर उसके माता-पिता और भाई तथा उस स्वयं को जान से मारने की धमकी देते हुए तथा स्वयं आत्महत्या कर लेने की धमकी देते हुए साथ चलने एवं शादी करने को कहा था। उसके दबाव में वह आरोपी के साथ इटारसी से इंदौर चली गई थी। इंदौर में आरोपी ने कोर्ट में उसका विवाह खुद के साथ स्टॉम्प से कराया। उसके बाद इंदौर में एक कमरे में उसे रखा। करीब 1 माह तक आरोपी ने उसे वहां रखा और उसके साथ अनेकों बार बलात्कार किया था। आरोपी ने उसके माता-पिता से बात नहीं कराई थी, जबकि पीडि़ता ने आरोपी को अनेक बार निवेदन किया कि वह अपने माता-पिता से बात करना चाहती है। 14 सितंबर 17 को आरोपी पीडि़ता को अकेली इंदौर में छोड़कर अपने घर पथरोटा आया था और पत्नी तथा बच्चों के साथ रहने लगा था। इस घटना की रिपोर्ट थाना पथरोटा में पंजीबद्ध की गई थी। जिसके आधार पर आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करते हुए प्रकरण द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के समक्ष विचार हुआ। अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने शासन की ओर से पैरवी करते हुए प्रकरण में आरोपी को सजा से दंडित कराया है। आरोपी पूर्व से जमानत पर था, उसे सजा के बाद जेल भेज दिया है।

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