इटारसी। कृषि उपज मंडी परिसर में दो सहकारी समितियां समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद करेगी। आज जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल, मंडी अध्यक्ष विक्रम तोमर और मंडी के प्रभारी सचिव एवं एसडीएम आरएस बघेल, तहसीलदार रितु भार्गव, हम्माल प्रतिनिधि नर्बदा प्रसाद यादव कल्लू पहलवान, सहकारी बैंक की शाखा प्रबंधक किरन तिवारी, सोयायटियों के पर्यवेक्षक बृजमोहन चौरे, महेन्द्र यादव ने तौलकांटों की पूजा कर आज से खरीद कार्य प्रारंभ कराया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल ने कहा कि इटारसी मंडी में सुविधाएं काफी अच्छी हैं, यहां किसान को ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ता है और किसान की सुनवाई भी होती है। उन्होंने खरीद करने वाली समितियों से कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण फसल कमजोर होती है और कुछ थोड़ा फर्क आता है तो उसे नजरअंदाज करके उपज अवश्य खरीद लें। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य 1735 समर्थन मूल्य खरीद के वक्त और बोनस 265 रुपए 16 अप्रैल के बाद खातों में आएगा। उन्होंने कहा कि 20 मई तक खरीद कार्य चलेगा अत: किसान चिंता न करें। समितियां भी जितना माल एक दिन में खरीद सकती है, उतने किसानों को ही एसएमएस भेजें।
साफ अनाज लाएं, परेशानी नहीं होगी
मंडी अध्यक्ष विक्रम तोमर ने कहा कि गेहूं साफ और सूखा लाएंगे तो परेशानी नहीं होगी, किसान का माल आसानी से खरीदा जा सकेगा। यहां पूरी सुविधा है, कोई परेशानी होती है तो किसान सीधे उनसे, मंडी सचिव से या प्रवक्ता देवेन्द्र पटेल से मिलकर अपनी परेशानी बता सकते हैं। किसान कृपया रोड पर जाकर आंदोलन जैसी बातों से दूर रहें और किसी के बहकावे में बिलकुल नहीं आएं। इस अवसर पर इटारसी सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष स्वामी प्रसाद आर्य, घाटली सोसायटी के प्रबंधक संदीप चौधरी, विधायक और विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित हुए छोटे भैया चौधरी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में किसानों की संख्या काफी कम थी। इसका कारण बताया गया कि हर सोसायटी में कार्यक्रम हो रहे हैं और कुछ किसान खेतों में फसल कटाई में व्यस्त है।
सोसायटी की पीड़ा भी बतायी
मंच पर सोसायटी पर्यवेक्षक बृजमोहन चौरे को संचालन कर रहे देवेन्द्र पटेल ने आभार प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया था, उन्होंने आभार प्रदर्शन से पूर्व सोसायटियों की पीड़ा से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराते हुए उनके निदान की मांग रख दी। उनका कहना था कि नागरिक आपूर्ति निगम भुगतान में लेटलतीफी करता है, इस वर्ष की खरीद का वक्त आ गया, अभी पिछले वर्ष के कमीशन का भुगतान ही अब तक नहीं हुआ है। यहां से उपज खरीदकर नान भेजते हैं तो वे हमारे यहां का तुला नहीं मानते बल्कि उनके तौल-कांटों को ही सही मानते हैं। कभी लूज सिलाई, कभी तौल या अन्य कारण बताकर कटौती करते हैं, इससे समितियों को नुकसान उठाना पड़ता है। हमें 10 रुपए 76 पैसे कमीशन मिलता है जिसमें धागा, रंग टैग, कर्मचारी का पैसा निकालने में परेशानी होती है, उस पर हमें चोर समझा जाता है। इन परेशानियों को ऊपर तक पहुंचकर इसका निदान जनप्रतिनिधियों को कराना चाहिए।