इटारसी। लगभग सात वर्ष पुराने एक प्रकरण में न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक आरोपी को धारा 363 में तीन वर्ष की कैद ए बामशक्कत, पांच सौ रुपए अर्थदंड, धारा 366 में पांच वर्ष की सश्रम कारावास और धारा 376 (2)1 (एन) में दस वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी एचएस यादव ने बताया कि नाबालिग एमजीएम स्कूल ढाबाकलॉ में पढ़ती थी जो 29 अगस्त 2012 को सुबह स्कूल गयी थी, परंतु वापस नहीं आयी। तलाश किये जाने पर भी वह नहीं मिली, तब उसके पिता ने थाना डोलरिया में गुम होने की सूचना दी। जांच पश्चात भूरा उर्फ संजय के विरूद्ध धारा 363 व 366 भादवि के अंतर्गत रिपोर्ट की गयी। नाबालिग के पिता ने अभियुक्त भूरा उर्फ संजय द्वारा किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने संदेह प्रकट किया। मुखबिर की सूचना के आधार पर अभियुक्त भूरा उर्फ संजय एवं किशोरी को इंदौर से पकड़कर महिला पुलिस के साथ आरक्षी केंद्र डोलरिया लाया गया।
पूछताछ में किशोरी ने बताया कि जब वह स्कूल गयी थी व स्कूल के गेट के अंदर जा रही थी तब उसे अभियुक्त भूरा उर्फ संजय ने आवाज देकर बुलाया और उससे कहा कि साथ चल नहीं तो उसके घर में आग लगा देगा और उसके मम्मी-पापा को मार डालेगा। संजय ने उसका हाथ पकड़कर मैजिक गाड़ी में बैठा लिया। किशोरी इतनी डर गयी थी कि कहीं संजय उसके माता-पिता को मार न दें। अभियुक्त संजय वहां से मैजिक गाड़ी से भोपाल लेकर गया। भोपाल से संजय किशोरी को इंदौर लेकर गया जहां पर उसको रखा गया। जहां भूरा उर्फ संजय उससे जबरदस्ती दुष्कर्म किया। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी एचएस यादव ने किशोरी सहित अन्य साक्षियों के कथन कराए और अंतिम तर्क करते हुए शासन का पक्ष रखा।