भावांतर नहीं, छूमंतर योजना है : कांग्रेस

वक्ताओं ने सरकार को घेरा
इटारसी। प्रदेश सरकार की योजनाएं किसानों की विरोधी हैं। वर्तमान में राज्य सरकार ने जो भावांतर योजना बनायी है, वह स्वयं सरकार को समझ नहीं आ रही है। यह भावांतर नहीं बल्कि छूमंतर योजना है, जिससे किसानों का बिलकुल भला नहीं होने वाला है। यह भाव हैं किसान कांग्रेस के, जो संगठन के वक्ताओं ने आज कृषि उपज मंडी के सामने अपने धरना-प्रदर्शन में व्यक्त किए।
धरना प्रदर्शन में पूर्व मंत्री विजय दुबे काकूभाई, होशंगाबाद से सत्येन्द्र फौजदार, जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष विजय बाबू चौधरी, मोहन झलिया, चंद्रगोपाल मलैया, नगर कांग्रेस अध्यक्ष पंकज राठौर, अमोल उपाध्याय, मयूर जैसवाल, सम्राट तिवारी, हेमचंद कश्यप, शेष मेहरा, होशंगाबाद के पार्षद कुलदीप राठौर, केसला से रज्जन बाजपेयी, तारा बरकड़े सहित जिलेभर के अनेक नेता उपस्थित थे। किसान कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं को लेकर तहसीलदार ऋषि मौर्य को ज्ञापन दिया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि किसानों की बुरी हालत है, वे कर्ज के तले दबकर आत्महत्या कर रहे हैं। अब पंजे से फूल की पंखुड़ी तोडऩे का वक्त आ गया है। मोहन झलिया ने कहा कि अगले वर्ष चुनाव हैं और हमें यह किसान विरोधी सरकार बदलनी है। समारोह को पूर्व मंत्री विजय दुबे काकूभाई, पूर्व नपाध्यक्ष अनिल अवस्थी, नगर अध्यक्ष पंकज राठौर, बाबू चौधरी सहित अनेक नेताओं ने संबोधित किया।
किसान नेता की जुबान फिसली
धरना-आंदोलन के दौरान भारत कृषक समाज के मधुसूदन यादव की जुबान फिसल गई। उन्होंने पहले तो सभी प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों को आड़े हाथों लिया फिर मीडिया को टारगेट करके सबको बिकाऊ बता दिया। उन्होंने सामने बैठे मीडिया कर्मियों की ओर इशारा करके बिकाऊ कह दिया। हालांकि दूसरे वक्ताओं ने डैमेज़ कंट्रोल करने का प्रयास किया और कहा कि स्थानीय मीडिया तो अच्छा है और सहयोगी है। श्री यादव की जुबा अपने ही नेता राहुल गांधी पर फिसल गई। वे बोले राहुल गांधी को भाषण देना नहीं आता। फिर बात संभालते हुए कहा कि लेकिन वे जब भी बोलते हैं, सच बोलते हैं। धरने में उपस्थित नेताओं को अहसास हुआ कि वक्ता की जुबान फिसली है तो सोशल मीडिया के जरिए किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय बाबू चौधरी ने इस पर खेद भी जताया।

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