महाशिवरात्रि : शिवालयों में गूंजा बम-बम, हर-हर महादेव

Post by: Manju Thakur

Nagar Palika
MANDI (1)
Aaditya
ARPIT JAIN (1)
IMG-20250124-WA0010
IMG-20250125-WA0558
Mayank (1)
PRASHANT AGRAWAL (1)
RAKESH JADHAV
PlayPause
previous arrow
next arrow

नगर के शिवालयों में पूजन-अभिषेक और भंडारे हुए
इटारसी। भगवान भोलेनाथ की भक्ति का पर्व महाशिवरात्रि पर शिवालयों में बम-बम और हर-हर महादेव के जयकारे गूंजे। भक्तों ने शिव का अभिषेक कर फूल, बेलपत्र, भांग, धूतरा चढ़ाया और दूध, घी, दही और शहर से अभिषेक किया। महाशिवरात्रि के मौके पर तिलक सिंदूर और शरददेव में भक्तों का मेला भी लगा।
इस वर्ष महाशिवरात्रि मेला अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। दरअसल, यातायात व्यवस्था इतनी बदतर रही कि 30 से 40 फीसदी लोग आधे रास्ते से ही वापस आ गये। हालांकि मेला स्थल की व्यवस्था ठीक रही, लेकिन पुलिस प्रशासन रास्ते को ठीक से संभाल नहीं सका और ट्रैफिक अमले की लापरवाही से रास्ते में बार-बार जाम लगता रहा। ऐसा पहली बार नहीं है कि यहां महाशिवरात्रि मेले में जाने वाले भक्तों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा हो, पूर्व वर्षों में भी जाम लगे, लेकिन वे सूझबूझ से हटा दिये गये, इस वर्ष इसमें ट्रैफिक अमला असफल रहा।
महाशिवरात्रि के मौके पर सतपुड़ा पर्वत के तिलक सिंदूर नामक स्थान पर लगे मेले में हर वर्ष एक लाख से अधिक दर्शनार्थी पहुंचते हैं। कई बार यह संख्या दो लाख तक पहुंच जाती है। इस वर्ष भी दर्शनार्थी पहुंचे। लेकिन, मार्ग की व्यवस्था संभालने में प्रशासन नाकाम रहा। ग्राम जमानी के चौराहे पर ही कई बार जाम लगे और ट्रैफिक अमले को इसे निकालने में पसीना आता रहा। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि जाम के बाद हजारों लोगों ने दर्शन की इच्छा छोड़ वापस घर लौटने में ही भलाई समझी। घंटों वाहनों की रेलमपेल रही और लोगों ने जाम खुलने की उम्मीद छोड़ अपने वाहनों को वापस कर लिया।

it21220 3
कम संख्या में पहुंच सके भक्त
इस वर्ष मार्ग व्यवस्था ठीक नहीं होने से तिलक सिंदूर मंदिर तक कम संख्या में भक्त पहुंच सके। एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि के मौके पर 40 से 45 हजार भक्त ही वहां पहुंच सके थे। पिछले वर्षों में यह संख्या एक लाख के पास तक पहुंच जाती थी। तिलक सिंदूर पहुंचने के लिए जमानी से सीधे रास्ता था। लेकिन, इस मार्ग पर जाम लगने से कई लोगों ने वापसी के रास्ते अमाड़ा-खटामा से पहुंचने का प्रयास किया तो उस मार्ग पर भी जाम लगा मिला। ट्रैफिक जाम के हालात इतने बदतर थे कि बीच रास्ते से ही करीब तीस से चालीस फीसद लोगों ने आज दर्शन की इच्छा त्याग कर वापसी कर ली। कुछ लोगों ने जमानी से मुख्य मार्ग होकर अमाड़ा-खटामा मार्ग को चुना और जहां से वापसी होती है, उसे तिलक सिंदूर जाने के लिए चुना और किसी तरह से तिलक सिंदूर पहुंचे। मार्ग की बदतर व्यवस्था से कम भक्त तिलक सिंदूर तक पहुंच सके थे।

it21220 5

ढाई घंटे में पांच किलोमीटर का सफर
इटारसी से तिलक सिंदूर मेले की कव्हरेज करने दोपहर में निकली मीडियाकर्मियों की टीम को जमानी से तिलक सिंदूर तक महज पांच किलोमीटर का सफर तय करने में ढाई घंटे का वक्त लग गया। पत्रकार गिरीश पटेल का कहना था कि वे अपने साथियों के साथ दोपहर करीब 12 बजे जमानी में ट्रैफिक जाम में फंस गये थे। वहां से किसी तरह से वापसी करके तालाब के किनारे से निकलकर अमाड़ा-खटामा का रास्ता पकड़ा और वहां भी जाम लगा मिला। जाम से निकलते हुए वे किसी तरह से दोपहर लगभग ढाई बजे तिलक सिंदूर पहुंचे और जब वहां से वापस हुए तब भी मार्ग पर जाम की स्थिति ही थी। वे वहां से वापस होकर शाम 5 बजे जमानी तक आये। उनका कहना है कि शाम 5 बजे भी जाम लगा था। हालात यह थे कि मेला ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के लिए खाना लेकर इटारसी से निकला कर्मचारी शाम करीब साढ़े पांच बजे पहुंचा।

रात में ही किया भक्तों ने अभिषेक
तिलक सिंदूर में गुफा मंदिर में भक्तों ने रात 12 बजे से ही पूजन-अभिषेक प्रारंभ कर दिया था। भक्तों की शिकायत रही कि सुबह मंदिर में टीन लगाकर भक्तों के गर्भगृह में प्रवेश करने से रोक दिया जाता है। भक्तों को दस फुट दूर से ही क्षणिक दर्शन करने को मिलता है। यही कारण है कि अनेक भक्त रात 12 से सुबह 5 बजे के बीच जाकर शिव अभिषेक कर लेते हैं। शिवशक्ति युवा मंडल के अनेक सदस्य रात के वक्त ही अभिषेक कर आते हैं। इस वर्ष भी यही कुछ किया। बता दें कि रात में अभिषेक की शुरुआत एक समय यहां स्टेशन अधीक्षक रहे दिनेश रिछारिया और उनके रेलकर्मी सार्थियों ने की थी। आज उनके वे साथी ही इस परंपरा को निभा रहे हैं। इसके अलावा अन्य लोग भी अब गुफा मंदिर में जाकर अभिषेक करने लगे हैं। अनेक भक्तों ने इस वर्ष भी गुफा मंदिर में पहुंचकर दूध, दही, धूतरा, बेलपत्र, भांग आदि चढ़ाकर पूजा और अभिषेक किया।

आसानी से हुए गुफा मंदिर में दर्शन
इस वर्ष तिलक सिंदूर में पहुंचे श्रद्धालुओं को शिव के दर्शन करने में पिछले वर्षों की तरह धक्का-मुक्की का सामना नहीं करना पड़ा। दरअसल, शिवभक्तों की कम संख्या पहुंचने से भक्त यहां आसानी से दर्शन कर सके। हालांकि टीन लगा होने के कारण भक्तों को दूर से ही दर्शन करने का मौका मिला और मंदिर के गर्भगृह तक कोई नहीं पहुंच सका। बाहर से ही दर्शन करके भक्तों को लौटना पड़ा। मंदिर के द्वार पर नीचे मैदान में मेला लगा हुआ है, जहां ग्रामीण अंचलों से आए लोगों ने मनोरंजन किया और अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीदारी भी की। मेले में मनिहारी सामग्री, मिष्ठान, जलपान, खिलौनों की दुकानों के अलावा पशु पालकों, किसानों की खेती में लगने वाले औजारों की दुकानें भी लगायी थीं। इसके अलावा कपड़ेे, श्रंगार सामग्री और अन्य तरह की दुकानों के अलावा बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले आदि की भी व्यवस्था की गई थी।
it21220 6
तेरह फुट का शिवलिंग आकर्षण का केन्द्र
नई गरीबी लाइन में बाल्मिक गुरुद्वारा के पास स्थित मुख्य चौराहे के शिवालय में भक्तों द्वारा तेरह फुट का विशाल शिवलिंग बनाया गया था। शिवलिंग को गुब्बारों से सजाया। यहां शिवालय में अभिषेक, पूजन, महाआरती के बाद भंडारे का आयोजन किया जहां हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। उधर सतपुड़ा की बागदेव पहाड़ी पर स्थित श्री शरददेव मंदिर में श्री देवल मंदिर काली समिति के मेले में भी हजारों भक्त पहुंचे थे। यहां हर वर्ष मंदिर समिति महाशिवरात्रि के अवसर पर मेले का आयोजन करती है। गोकुल नगर खेड़ा में स्थित शांतिधाम में प्रबंधक घनश्याम तिवारी एवं सदस्य रमेश के साहू ने भोलेनाथ का पूजन किया, सिंदूर चढ़ाया एवं श्मशान में आई चिता की ताजी भस्म भगवान भोले शंकर को अर्पित की गई। कार्यकारी सदस्य प्रमोद पगारे, कर्मचारी विमल बरखने, सुमनबाई, लोकेश चाबरे, प्रभाकर कुमार, द्वारका प्रसाद मालवीय ने पूजन किया।
it21220 7
भक्तों का प्रसाद वितरण किया
भगवान महादेव के समक्ष 18 क्विंटल साबूदाने की तैयार खिचड़ी का वितरण किया। पं. पीयूष शर्मा एवं अमन द्विवेदी ने विधि विधान से पूजन अर्चन कराया। हजारों की संख्या में पचमढ़ी से लौट रहे श्रद्धालुओं ने एवं इटारसी के नागरिकों ने भगवान भोलेनाथ का प्रसाद ग्रहण किया। समिति के कार्यकारी सदस्य प्रमोद पगारे ने उन सभी दानदाताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जिनके द्वारा इस आयोजन के लिए पर्याप्त सामग्री प्रदान की गई। श्मशानघाट में दर्जनों की संख्या में सिंदूर के वृक्ष लगे हुए हैं। जिन वृक्षों में हजारों की संख्या में सिंदूर के पौधे लगे हैं, वहां भक्तों ने पहुंचकर सिंदूर के फल तोड़कर अपने घर भी लेकर गये हैं। इसके अलावा पशुपतिनाथधाम अवाम नगर, रेल्वे अस्तपाल के पास पशुपतिनाथ मंदिर, हनुमानधाम मंदिर ओवरब्रिज के नीचे, चामुंडा चौराहा, श्री बूढ़ी माता मंदिर स्थित शिवालय, पूड़ी लाइन स्थित शिवालय में भी भक्तों ने पहुंचकर दर्शन किये।

B.B.M college Sukhtawa
Bharagda School
BORI
EXCIZE ITARSI
GIRLS COLLEGE (2)
Kesla Panchayat
MAHILA BAL VIKAS ITARSI
MGM CLLEGE
PHE
Pipaldhana
TARONDA (1)
UTKRASHTH KESLA
VAN SAMITI ITARSI
Van Samiti Kesla
previous arrow
next arrow

Leave a Comment

error: Content is protected !!