लॉकअप में सलाखों के पीछे गुजरी लक्ष्मी पुत्र की रात

Post by: Manju Thakur

अलका पालीवाल हत्याकांड में एलकेजी संचालक दिनेश गोठी लॉकअप में
इटारसी। शहर के प्रसिद्ध ज्वेलर्स दिनेश गोठी को अपने नौकर के साथ अलका पालीवाल हत्याकांड में आरोपी बनाए गया है। देर रात एसपी अरविंद सक्सेना और एडिशनल एसपी शशांक गर्ग इटारसी थाने आए और दिनेश गोठी से पूछताछ करने के बाद उसे लॉकअप में डाल दिया गया। मंगलवार-बुधवार की रात दिनेश गोठी ने लॉकअप में गुजारी। अलका पालीवाल जिस दिन से लापता हुई थी, शहर में चर्चा का बाजार गर्म था। आखिरकार लापता होने के नवमे दिन अलका का कंकाल केसला के जंगलों से बरामद हुआ है। पुलिस ने तीनों आरोपियों दिनेश गोठी, फतेहचंद चौरे और अशोक धुर्वे के खिलाफ धारा 302, 201, 120 बी, 34 आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

देर रात आए एसपी
देर रात होशंगाबाद से एसपी अरविंद सक्सेना और एडिशनल एसपी शशांक गर्ग के आने और दिनेश गोठी से पूछताछ के बाद आरोपी बनाकर गोठी को लॉकअप में कर दिया है। अलका पालीवाल 50 वर्ष का कंकाल नया जामुनडोल के पास जंगल में मिला है, जिसके कपड़ों, गहनों और उसके पैरों में आपरेशन के दौरान डाली गई रॉड को देखकर उसके पुत्र प्रतीक पालीवाल ने की है। पुलिस ने जब कॉल डीटेल के आधार पर दिनेश गोठी के नौकरों को पकड़कर पूछताछ की तो अधिक मेहनत नहीं लगी और कुछ ही देर में सारा भेद खुल गया। इसके बाद पुलिस ने अलका पालीवाल के परिजनों को बुलाया और नौकरों, महिला के परिजनों, एफएसएल विशेेष और नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों को साथ लेकर टीआई नौकरों के बजाए स्थान पर पहुंचे और वहां से कंकाल बरामद किया।
सुबह पूछताछ में जैसे ही दिनेश गोठी के नौकरों ने हत्या करना कबूला, पुलिस ने तत्काल दिनेश गोठी को हिरासत में ले लिया। उसे दिनभर एसडीओपी अनिल शर्मा के आफिस में बिठाकर रखा गया। इस दौरान दिन भर दिनेश गोठी के पुत्र, परिजन और लॉयर थाने में आना-जाना करते रहे। इस दौरान दिनेश गोठी के पुत्रों का साफ कहना है कि उनके पिता को एक साजिश के तहत फंसाया गया है, वे बेकसूर हैं।
14 अगस्त की शाम को 7:30 बजे महिला अलका पालीवाल लापता हुई थी। परिजनों ने दिनेश गोठी पर शंका जाहिर की थी। उस समय पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर दिनेश गोठी को बुलाकर पूछताछ भी की थी। बताया जाता है कि महिला की हत्या दिनेश गोठी की कार में ही केसला और पथरोटा के बीच गला दबाकर की गई है। नौकरों ने बताया कि दोनों ने दिनेश गोठी के साथ मिलकर ही महिला की हत्या की है। अभी पुलिस को आगे बहुत काम करना है। चूंकि लाश कंकाल के रूप में मिली है, अत: पुलिस इसे पोस्टमार्टम के लिए भोपाल भेजेगी जहां मेडिकोलीगल जांच से पीएम होगा और पुलिस डीएनए टेस्ट भी कराएगी।

स्टेशन पर आखिरी बार दिखी थी अलका
14 अगस्त की शाम को रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में अलका आखिरी बार दिखी थी। उसे बारह बंगला तरफ सीढिय़ां उतरते देखा गया था। बताया जाता है कि उसके मोबाइल से आखिरी कॉल दिनेश गोठी को किया था। पूछताछ में कोई सुराग नहीं लगा तो पुलिस ने मोबाइल कॉल का रिकार्ड खंगाला। इस आधार पर 17 अगस्त को सराफा व्यवसायी दिनेश गोठी को हिरासत में कर पूछताछ की थी तो गोठी ने स्वीकार किया था कि महिला का उनकी फर्म पर आना-जाना था, दोनों के बीच लेनदेन भी चलता था और दोस्ताना संबंध भी थे। पुलिस के मुताबिक वारदात से पहले अलका और दिनेश गोठी के बीच अंतिम बार बात हुई थी। इस आधार पर गोठी के मोबाइल की डिटेल भी निकाली गई। अलका की गुमशुदगी के समय पर गोठी के नौकर अशोक धुर्वे से कई बार बात हुई थी।
कौन थी अलका
अलका पालीवाल मूलत: समीप के गांव भट्टी की रहने वाली थी। उसने यहां करीब तीन दशक पूर्व वीरेन्द्र पालीवाल से प्रेम विवाह किया था। अलका पालीवाल के दो बच्चे हैं पुत्र प्रतीक व एक पुत्री गार्गी। दोनों ही इंदौर में पढ़ रहे हैं। उसके पति वीरेन्द्र पालीवाल राज्य परिवहन निगम में नौकरी करते थे जिनका निधन हो चुका है। वर्तमान में अलका मालवीय गंज में अपनी बहनों के साथ रहती थी।

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